पूर्णियाः नेपाल की तराई से सटे ग्रामीण इलाकों में भीषण वर्षा के पूर्वानुमान को लेकर गंगा नदी एवं जिले के अन्य बड़ी नदियों के किनारे बसे गांवों को हाई एलर्ट कर दिया गया है. इधर जिला प्रशासन ने भी भीषण वर्षा और इससे होने वाली विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर कमर कस ली है. शनिवार को राज्य मुख्यालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव ने आपदा पूर्व की समीक्षा की.
ज्ञात हो कि सितंबर के दूसरे और तीसरे सप्ताह में भीषण वर्षा व बादल फटने का पूर्वानुमान किया गया है. इससे जल प्रलय सी बाढ़ आने की आशंका जतायी गयी है. प्रशासन ने इस मुतल्लिक गंगा नदी से सटे एवं जिले के अन्य आक्रामक नदियों से सटे गांवों को एलर्ट कर दिया है. स्थानीय सीओ एवं प्रखंड प्रशासन को भी चौकस कर दिया है. सभी नदियों के तटबंधों की भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
ऊंचे एवं सुरक्षित स्थानों की तलाश जारी है. दो सौ से अधिक नावों को चिन्हित कर रखा गया है. इसके अलावा 30 मोटर वोट की भी व्यवस्था की गयी है. जिला स्तर पर 125 मेडिकल टीम भी तैयार की गयी है. जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि बाढ़ की किसी भी स्थिति से निबटने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. उन्होंने बताया कि सितंबर के दूसरे सप्ताह से लेकर तीसरे सप्ताह तक खतरे की आशंका ज्यादा है. एहतियात के तौर पर आपदा विभाग को सभी सुरक्षित स्थानों पर सूखा राशन के रूप में रसद एवं पेयजल की अविलंब व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. प्लास्टिक, मोमबत्ती एवं दिया सलाई की भी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गयी है.
पुलिस की तैयारी
पूर्णिया के एसपी किम ने बताया कि हाई एलर्ट के मद्देनजर सभी पुलिस पदाधिकारी एवं थानों को कड़े निर्देश दे दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस के जवान भी किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि वैसे पुलिस के जवान जो तैरना जानते हैं उन्हें चिन्हित किया जा रहा है. इसके अलावा क्षेत्र से तैराकों को भी चिन्हित किया जा रहा है. वैसे लोगों को पुलिस लाइन में प्रशिक्षित किया जायेगा. एसपी किम ने बताया कि सभी थानों को उनके इलाके के वनरेबुल प्वाइंट को चिन्हित करने की भी हिदायत दी गयी है. आसूचना के लिए सभी थानों को एलर्ट रहने कहा गया है.