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राहत में विलंब से लॉ एंड आर्डर की स्थिति उत्पन्न होगी : सुमो

पूर्णिया: राहत में विलंब को लेकर तूफान पीड़ित क्षेत्रों में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पैदा हो सकती है. अगर पीड़ितों के बीच जल्द राहत शुरू नहीं की जायेगी तो अगले 24 घंटे के बाद सरकारी तंत्र को लोगों का आक्रोश ङोलना पड़ सकता है. उक्त बातें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कही. […]

पूर्णिया: राहत में विलंब को लेकर तूफान पीड़ित क्षेत्रों में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पैदा हो सकती है. अगर पीड़ितों के बीच जल्द राहत शुरू नहीं की जायेगी तो अगले 24 घंटे के बाद सरकारी तंत्र को लोगों का आक्रोश ङोलना पड़ सकता है. उक्त बातें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कही. वे शनिवार को पूर्व सांसद उदय सिंह के आवास पर पूर्णिया में आये तूफान पीड़ित क्षेत्रों के दौरे के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तूफान आने के बाद 80 घंटे बीत गये परंतु कहीं भी बेघरों के बीच पॉलीथिन शीट का भी वितरण नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त घरों के सर्वे के काम में देर होने से पीड़ित लोग दुविधा में है कि मरम्मत करेंगे तो बगैर सर्वे मुआवजा नहीं मिलेगा. सर्वे का काम केवल सड़क किनारे गांवों का किया जा रहा है जबकि सड़क के अंदर के गांवों में अधिक क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर से जो आंकड़े आये हैं उससे कहीं अधिक क्षति हुई है.

विशेष डीएम की प्रतिनियुक्ति : श्री मोदी ने कहा कि सर्वे एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाने की आवश्यकता है. इसके लिए पूर्णिया में विशेष डीएम की प्रतिनियुक्ति की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राहत कार्य में आस पास के जिलों के अधिकारी एवं कर्मियों को भी राहत कार्य में लगाने की आवश्यकता है.
पशु क्षति की रिपोर्ट नहीं : उन्होंने कहा कि जिले में आये चक्रवाती तूफान से पशुओं की भी क्षति हुई है परंतु सरकारी स्तर पर इसकी कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की गयी है.
पहले से डेढ़ गुणा मुआवजा अधिक : उन्होंने कहा कि पहले आपदा पीड़ितों में मृतकों के परिवार को डेढ़ लाख मुआवजा मिलता था. फसल क्षति में 50 प्रतिशत से अधिक पर मुआवजा दी जाती थी परंतु केंद्र सरकार ने मुआवजे में डेढ़ गुणा से अधिक की बढ़ोतरी कर मृतकों के परिजनों को चार लाख एवं 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पर मुआवजा दी जा रही है.
ऋण वसूली स्थगित हो : उन्होंने कहा कि तूफान पीड़ित क्षेत्रों के प्रभावित लोगों के बैंक ऋण, बकाया बिजली बिल, लगान आदि की वसूली फिलहाल स्थगित कर देनी चाहिए.
आपदा की पूर्व सूचना नहीं, जांच हो : उन्होंने कहा कि आनेवाले आपदा की पूर्व सूचना सरकार को पूर्व में ही लोगों को दी जानी चाहिए. मौसम विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तूफान आने की पूर्व सूचना क्यों नहीं दी, इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के वेबसाइट फ्री है इसका मॉनेटरिंग आपदा प्रबंधन विभाग करता है. तूफान का संकट 21 अप्रैल की संध्या 7 बजे से ही आना शुरू हो गया था. तूफान आने के दो घंटा पहले जब संकेत मिले तो सूचना देकर लोगों को अलर्ट क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि तूफान पीड़ित जिलों में भाजपा की इकाई राहत वितरण में सरकार का सहयोग करने के निर्देश दिये गये हैं. इस मौके पर सदर विधायक किरण केशरी, बनमनखी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रफुल्ल रंजन वर्मा, विजय खेमका, दिलीप यादव आदि मौजूद थे.

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