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एक साल बाद फिर खुले मानकविहीन पैथोलॉजी
पूर्णिया: लाइन बाजार से मानकविहीन पैथोलॉजी का धंधा एक बार पांव फैलाना शुरू कर दिया है. जहां इन सेंटरों में रोजाना गरीब मरीजों को चुना लगाने का काम किया जा रहा है.विभाग की कार्रवाई के बाद तत्काल यह धंधा बंद होता है.किंतु बीतते वक्त के साथ एक बार फिर खुल जाता है.गरीबों के जेब एवं […]
पूर्णिया: लाइन बाजार से मानकविहीन पैथोलॉजी का धंधा एक बार पांव फैलाना शुरू कर दिया है. जहां इन सेंटरों में रोजाना गरीब मरीजों को चुना लगाने का काम किया जा रहा है.विभाग की कार्रवाई के बाद तत्काल यह धंधा बंद होता है.किंतु बीतते वक्त के साथ एक बार फिर खुल जाता है.गरीबों के जेब एवं सेहत से खेलने वाले पर जिला प्रशासन भी अंकुश लगाने में विफल है.
कार्रवाई के बाद फिर खुल गये
पिछले वर्ष 29 जनवरी को मानक विहीन पैथोलॉजी पर नकेल कसने के इरादे से स्वास्थ्य विभाग ने टीम गठित कर 24 पैथोलॉजी सेंटरों को सिल किया था.किंतु सिल किये गये तमाम पैथोलॉजी सेंटर बारी बारी से पुन: अस्तित्व में आ गया.आश्र्चय इस बात का है कि आखिर कैसे सिल किये गये मानक विहीन पैथोलॉजी सेंटर खुल जाते हैं.
बिचौलियों की अहम भूमिका
मानक विहीन पैथोलॉजी चलाने में बिचौलियों की अहम भूमिका होती है.ऐसे बिचौलिए डॉक्टरों एवं पैथोलॉजी के बीच सेतु का काम करता है.जो डॉक्टरों को प्रलोभन देकर मरीजों को पैथोलॉजी में लाता है.जहां से मरीजों के शोषण दोहन का खेल शुरु होता है.
तकनीशियन देते हैं रिपोर्ट
ऐसे पैथोलॉजी सेंटरों में महज साईन बोर्ड में ही डॉक्टरों के नाम टंगे होते हैं.जहां सैंपल कलक्शन से लेकर जांच का काम भी सड़क छाप तकनिशियन ही करते हैं.यहां तक कि र्पिोट पर भी हस्ताक्षर वही करते हैं.जिससे मरीजों की र्पिोट ही संदिग्ध हो जाता है.
पैथोलॉजिस्टों की व्यथा
यदि कोई मरीज भूले से असली पैथोलॉजिस्ट के पास पहुंच जाता है तो डॉक्टर र्पिोट को सिरे से नकार देता है.डॉक्टरों ने बताया कि र्पिोट को इसलिए नकार दिया जाता है कि डॉक्टरों को कमिशन नहीं मिलता है.डॉक्टरों को मरीजों की माली हालत की परवाह नहीं होती है.
लुट रहे हैं मरीज
मानक विहीन पैथोलॉजी के प्रति स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन का नरम रवैया के कारण गरीब मरीज रोजाना लूट पिट रहे हैं.किंतु प्रशासन अब तक न ही ठोस कदम उठा रही है और न ही ऐसे संचालकों पर नकेल कसने की कोई प्रयास की जा रही है.
कहते हैं अधिकारी
पैथोलॉजी सेंटरों पर समय समय पर जांच टीम गठित कर यथा संभव कार्रवाई की जाती रही है.जहां तक मानक विहीन पैथोलॉजी की बात है.उस पर कार्रवाई करने पर शीघ्र विचार किया जायेगा.
डॉ एस एन झा, सिविल सजर्न, पूर्णिया
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