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टापू बन गये हैं रुपौली प्रखंड के दर्जनों गांव

* बाढ़ के पानी से लबालब है कदई धार, आवागमन में कठिनाई, ग्रामीणों को नहीं मिल रही दैनिक उपयोग की वस्तुएं रुपौली : प्रखंड अंतर्गत दक्षिण क्षेत्र के आधा दर्जन पंचायतों में दर्जनों महादलित बस्ती बाढ़ से घिर गया है. वे लोग टापूनुमा जीवन जी रहे हैं. उनलोगों का दैनिक जीवन व्यवस्था भी चरमराने लगी […]

* बाढ़ के पानी से लबालब है कदई धार, आवागमन में कठिनाई, ग्रामीणों को नहीं मिल रही दैनिक उपयोग की वस्तुएं

रुपौली : प्रखंड अंतर्गत दक्षिण क्षेत्र के आधा दर्जन पंचायतों में दर्जनों महादलित बस्ती बाढ़ से घिर गया है. वे लोग टापूनुमा जीवन जी रहे हैं. उनलोगों का दैनिक जीवन व्यवस्था भी चरमराने लगी है.

मालूम हो कि रुपौली प्रखंड के दक्षिणी भाग के दर्जनों महादलित बस्ती कांप वलिया के दिना सिंह वासा, बिजय लालगंज के छोटी मुशहरी रविदास टोला, भोवा प्रवल के जंगलटोला मुशहरी, टोपरा अंडाही सहोड़ा दियरा, विजय मोहनपुर के पश्चिम हरिजन टोला, कोयली सिमड़ा पश्चिम के मुशहरी पूरनी नंदगोला, मुशहरी नया नंदगोला, आश्रम टोला डुमरी, गोरियर पट्टी श्रीमता के वैरिया मुशहरी, कोयली पूरब के कोशकीपुर हरिजन टोला सहित कई बस्ती बाढ़ नदी धारा से घिरने के कारण टापू बन गया है.

उन्हें रोजमर्रा की जीवन उपयोगी सामान नहीं मिलने के कारण भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के महादलित गोंसाई ऋषिदेव, रमेश ऋषिदेव, गज्जन ऋषिदेव, नरायण राम, चलित्तर ऋषिदेव, उमाकांत दास आदि ने कहा कि फिलहाल बाढ़ का पानी आने से वे लोग घिर गये हैं, जिससे खाने पीने की मुसीबत खड़ी हो गयी है. मवेशी गाय भैंस बकरी सभी को ऊंचे स्थान पर या रिश्तेदारों के यहां भेज रहे हैं.

अभी बाढ़ में मजदूरी भी नसीब नहीं है, जिससे जीवनयापन पर संकट गहराने लगा है. महादलितों के प्रखंड अध्यक्ष तरूण कुमार ने आक्रोशित लहजे में कहा कि बाढ़ क्षेत्र के महादलितों को राहत की सख्त आवश्यकता है. सरकारी कर्मी सुधी लेने नहीं पहुंचे हैं, यदि यही हालात रही तो वे लोग आंदोलन पर उतर जायेंगे.

* डेंगी ही आवागमन का एक मात्र साधन

रुपौली : बाढ़ग्रस्त क्षेत्र कोयली सिमड़ा पंचायत अंतर्गत कदई धार डुमरी वासी के लिए काल बन रहा है. बाढ़ से प्रभावित डुमरी बाजार और आश्रम टोला, वैरिया, श्री मता मेंहदी वासियों के लिए मुख्य मार्ग है. ग्रामीणों के लिए फिलहाल डेंगी (छोटी) नाव ही मात्र एक सहारा है. हाट के दिन रोजमर्रा की सौदा, सामान, दवा खरीदने के लिए नाव के इंतजार में ज्यादा लोग चढ़ जाते हैं.

डेंगी मात्र एक फीट से आधा फीट ही जल स्तर से ऊपर रहता है. जरा भी चूक होने से बचना मुश्किल हो सकता है. ग्रामीण वहादूर शर्मा, रतन कुमार जायसवाल, सखीचंद मंडल, उमाकांत मंडल, विनोद यादव, प्रतिनिधि पंचायत समिति सदस्य रिंकी देवी एवं पिकी देवी, कैलाश भारती आदि ने कहा कि गत सप्ताह अंचलाधिकारी को आवेदन सौंप कर कदईधार मात्र डेढ़ सौ फीट लंबाई में बांस की चचरी पुल की मांग की है.

फिलवक्त तक कोई सुधि तक लेने नहीं आया है. ग्रामीणों ने बताया कि गत सोमवार सुबह नौ बजे नाव पर अत्यधिक वजन होने के कारण अचानक बीच कदईधार में पलट गया. जिसमें सभी नाव पर सवार लोग कुशल तैराक होने के कारण बालबाल बच गया. नाव पर कुछ महिलाएं भी थी, जिसे किसी तरह बचाया गया.

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