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कोर्ट मालखाना में चोरी की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की खोली पोल

मुंगेर : न्यायालय परिसर काफी सुरक्षित एरिया माना जाता है. एक ओर जहां पुलिस ऑफिस में जवानों की तैनाती है, वहीं दूसरी ओर कोर्ट कैंपस स्थित ट्रैजरी एवं एडीआर भवन में पुलिस बलों को सुरक्षा में लगाया गया है. जबकि कोर्ट कैंपस में घूम-घूम कर निगरानी रखने के लिए तीन लाठी पार्टी भी तैनात रहता […]

मुंगेर : न्यायालय परिसर काफी सुरक्षित एरिया माना जाता है. एक ओर जहां पुलिस ऑफिस में जवानों की तैनाती है, वहीं दूसरी ओर कोर्ट कैंपस स्थित ट्रैजरी एवं एडीआर भवन में पुलिस बलों को सुरक्षा में लगाया गया है. जबकि कोर्ट कैंपस में घूम-घूम कर निगरानी रखने के लिए तीन लाठी पार्टी भी तैनात रहता है.
इसके साथ ही कोर्ट मालखाना की सुरक्षा में तीन हथियारबंद होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गयी है. बावजूद चोरों ने मालखाना से हथियार निकाल लिया. यह बात अलग है कि कोतवाली की गश्ती पार्टी ने पांच चोरों को चोरी किये दो हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया. लेकिन चोरी की वारदात ने न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.
न्यायालय क्षेत्र की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
कोर्ट मालखाना से हुई चोरी की घटना ने एक बार पुन: न्यायालय परिसर के सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर दिया है. बताया जाता है कि न्यायालय परिसर में रात्री सुरक्षा में एक दर्जन से अधिक जवानों की तैनाती रहती है. मालखाना की सुरक्षा में जहां तीन हथियारबंद होमगार्ड तैनात हैं. वहीं तीन जिला बल के लाठी पार्टी जवानों को कोर्ट कैंपस में घूमने के लिए तैनात किया गया है. इतना ही नहीं मालखाना के पास ही जिला ट्रेजरी है. जिसकी सुरक्षा में एक हवलदार, चार जवान एवं एक पुलिस पदाधिकारी की 24 घंटे की ड‍्यूटी रहती है. बावजूद चोरों ने हिम्मत दिखाते हुए कोर्ट के मालखाना से हथियार चुरा कर मुख्य सड़क तक आ गये. वास्तव में न्यायालय की सुरक्षा को लेकर भले ही भारी मात्रा में दिन व रात पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है. लेकिन ड‍्यूटी राम भरोसे है. दिन के समय न्यायालय परिसर के उत्तरी व दक्षिणी दोनों द्वार पर सशस्त्र बल तैनात रहते हैं. लेकिन उनकी ड‍्यूटी कुर्सी पर बैठ कर व मोबाइल पर गेम खेल कर होती है. इस परिस्थिति में यदि बड़ी वारदात वहां हो तो सुरक्षा बल खुद व हथियार की सुरक्षा में ही परेशान हो जायेंगे.
सुरक्षा में तैनात थे गायब थानाध्यक्ष ने लिखा पत्र
बताया जाता है कि कोर्ट मालखाना की सुरक्षा में तीन हथियारबंद होमगार्ड को तैनात किया गया था. गश्ती के दौरान हथियार के साथ गिरफ्तार अपराधियों ने जब बताया कि वह मालखाना से हथियार चुरा कर ला रहा है और एक हथियार मालखाना के पास दुकान में रखा है. तब कोतवाली पुलिस दुकान पर छापेमारी करने पहुंची तो वहां से भी एक हथियार को जब्त किया. इस दौरान कोतवाली पुलिस ने मालखाना की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवान कहीं नहीं दिखे. पुलिस द्वारा खोजबीन भी की गयी. लेकिन तीनों के तीनों गायब थे. थानाध्यक्ष राजेश शरण ने बताया कि जवानों के गायब रहने के मामले से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. जबकि तीनों के खिलाफ वरीय अधिकारियों से लिखित शिकायत भी की गयी है.
चार वारंटी गिरफ्तार
टेटियाबंबर. गंगटा थाना की पुलिस ने गंगटा थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग गांव से चार वारंटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गंगटा थानाध्यक्ष नीरज कुमार ठाकुर ने बताया कि जमघट गांव निवासी सुनील यादव एवं सुधीर यादव तथा रोपामोर गांव निवासी राजेंद्र यादव एवं गुड्डू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. चारों के विरुद्ध व्यवहार न्यायालय मुंगेर से वारंट जारी था.
न्यायालय परिसर में हो चुकी है कई वारदात
मुंगेर. व्यवहार न्यायालय परिसर में पूर्व में कई संगीन घटना घट चुकी है. जो सुरक्षा को लेकर सवार खड़ा कर रहा है. वर्ष 1998-99 में धरहरा टाल क्षेत्र के कुख्यात अपराधी हारो यादव कोर्ट हाजत से फरार हो गया था. जिसे पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया था. फरार होने के बाद वह सीधे टाल क्षेत्र पहुंचा और किसान पिता-पुत्र की हत्या कर दी. इतना ही नहीं खड़गपुर जंगली क्षेत्र के कुख्यात अपराधी विश्वनाथ सिंह एवं राजेश सिंह भी कोर्ट हाजत से पेशी के दौरान भाग निकला था. 4 जून 2006 को मुंगेर में चार विचाराधीन कैदी पुलिस कर्मियों के आंखों में मिर्ची की गुंडी डाल कर भाग गया था. जिसमें लक्ष्मण साह, राजेश शर्मा, सुजीत यादव, संतोष यादव शामिल थे. 16 दिसंबर 2006 को ही बाल सुधार गृह से मंडल कारा ले जाने के क्रम में सात कैदी फरार हो गये थे. 14 जुलाई 2007 को पुलिस कर्मी के आंखों में धूल झोंक कर मोस्ट वांटेड संजीव यादव एवं गोपाल राम फरार हो गया था. दोनों को पुलिस प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पेश करने के बाद कोर्ट हाजत ले जा रही थी. 2007 में ही कोर्ट हाजत से चार खूंखार अपराधी जमालपुर के राजू बिंद उर्फ छोटू, सिंधिया गांव के रुपेश यादव, मुबारकचक के मो. मुस्तकीम एवं हवेली खड़गपुर के आशीष पासवान ने पुलिसकर्मियों को जख्मी कर फरार हो गये थे. जबकि वर्ष 2008 में अपराधियों ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए कोर्ट हाजत की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर बम विस्फोट कर हमला कर दिया था. जिसमें भागने के दौरान पुलिस की गोली से लाल दरवाजा निवासी डैनी यादव मारा गया था. साथ ही कुख्यात अपराधी रूपेश यादव सहित दो अपराधी फरार हो गये थे. इतनी वारदात से भी पुलिस विभाग नहीं चेती और जवानों की मौजूदगी में कोर्ट मालखाना से चोरी की घटना को अंजाम दिया गया.

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