पूर्णिया : रामकिशुन कौशल्या डिग्री महाविद्यालय में छात्रों के साथ हुए फर्जीवाड़े के बाद एक और मामला प्रकाश में आया है. ताजा मामला महाविद्यालय के ऑडिट का है. बताया जा रहा है कि महाविद्यालय ने पिछले करीब चार वर्षों से अपने आय व व्यय का ब्योरा नहीं दिया है. दरअसल, महाविद्यालय में शासी निकाय का गठन नहीं होने से कॉलेज के वित्तीय लेखा जोखा का हिसाब-किताब नहीं हो पा रहा है. इसको लेकर विश्वविद्यालय ने पत्र भी भेजा था. मगर तमाम प्रयास के बाद भी विश्वविद्यालय प्रतिनिधि का चुनाव नहीं हो पाया.
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चार वर्षों से नहीं हो सकी बैंक खातों की जांच
पूर्णिया : रामकिशुन कौशल्या डिग्री महाविद्यालय में छात्रों के साथ हुए फर्जीवाड़े के बाद एक और मामला प्रकाश में आया है. ताजा मामला महाविद्यालय के ऑडिट का है. बताया जा रहा है कि महाविद्यालय ने पिछले करीब चार वर्षों से अपने आय व व्यय का ब्योरा नहीं दिया है. दरअसल, महाविद्यालय में शासी निकाय का […]
आरकेके कॉलेज की स्थापना के बाद से ही शासी निकाय का गठन नहीं हो पाया है. बताया जाता है कि स्थापना के बाद से कॉलेज में तदर्थ समिति का गठन किया गया.
मगर इसके बाद नियमों में बदलाव हुआ है. जिसके अनुसार प्रत्येक कॉलेज में शासी निकाय का गठन होना अनिवार्य कर दिया गया है. मगर इसके बाद भी आरकेके कॉलेज में शासी निकाय का गठन नहीं किया गया है. सूत्रों ने बताया कि शासी निकाय के अभाव में महाविद्यालय में न तो किसी प्रकार का विकास कार्य हो सकेगा और न ही वित्तीय अनियमितता पर रोक लग सकेगी.
रामकिशुन कौशल्या डिग्री महाविद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरि प्रसाद यादव ने बताया कि वर्ष 2011 में शिक्षकों के भुगतान के लिए 40 लाख रुपये को अनुदान आया था. उन्होंने बताया कि कॉलेज में कार्यरत शिक्षकों का इंडियन ओवरसीज बैंक में जिसमें केवल 8 लाख 85 हजार रुपये का भुगतान किया गया. श्री यादव ने कहा कि शासी निकाय नहीं होने की वजह से आजतक कॉलेज के खाता का ऑडिट नहीं हो सका है और वित्तीय अनियमितता पर रोक नहीं लग सकी है.
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