21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हवाई अड्डे को उद्यान बनाने का दिखाया था सपना, फिर भूल गये

दो वर्ष पहले प्रशासन ने बनायी थी योजना, अब फाइल ही गुम हो गयी पुराने हवाई अड्डा का 37 एकड़ 05 डिसमिल रकवा वन विभाग को नहीं है योजना की जानकारी पूर्णिया : दो वर्ष पूर्व जिला प्रशासन ने अनुपयोगी साबित हो रहे हवाई अड्डा की जमीन पर उद्यान बनाने की योजना बनायी थी. वकायदा […]

दो वर्ष पहले प्रशासन ने बनायी थी योजना, अब फाइल ही गुम हो गयी

पुराने हवाई अड्डा का 37 एकड़ 05 डिसमिल रकवा
वन विभाग को नहीं है योजना की जानकारी
पूर्णिया : दो वर्ष पूर्व जिला प्रशासन ने अनुपयोगी साबित हो रहे हवाई अड्डा की जमीन पर उद्यान बनाने की योजना बनायी थी. वकायदा इसके लिए जमीन की मापी करायी गयी थी.
समय बीतने के साथ-साथ जिला प्रशासन की यह योजना हवा-हवाई साबित हो गयी. स्थिति यह है कि अब तो इसकी चर्चा भी नहीं होती. दरअसल, वर्ष 2016 के दिसंबर माह में तत्कालीन जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल ने पुराने हवाई अड्डा की जमीन पर आधुनिक उद्यान बनाने का मसौदा तैयार करवाया था. उन्होंने इसके लिए डीसीएलआर रवि राकेश के नेतृत्व में एक टीम गठित की थी.
हवाई अड्डा की जमीन की मापी की थी और अतिक्रमणकारी परिवारों को चिह्नित भी किया गया था. डीसीएलआर की अगुआई वाली टीम में पूर्व अंचल के सीओ, सीआइ एवं जिला व अंचल के अमीन भी शामिल थे. जिन्होंने जमीन की पैमाइश कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी थी. जिला प्रशासन की इस कवायद का उस वक्त नगरवासियों ने स्वागत भी किया था और डीएम साहब की खूब वाहवाही हुई थी.
डीसीएलआर रवि राकेश के नेतृत्व में बनायी गयी टीम ने हवाई अड्डे की जमीन की मापी की थी. टीम ने मापी के बाद जिलाधिकारी को जो रिपोर्ट सौंपी थी. उसमें 37 एकड़ 05 डिसमिल जमीन की पैमाइश रिपोर्ट शामिल थी . रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि उक्त जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा है. मापी कर रहे अंचल कर्मियों ने रिपोर्ट में भू खंड का खाता, खेसरा और रकवा नक्शे के आधार पर निकाला था. जिसके बाद तत्कालीन डीएम पंकज कुमार पाल ने एडीएम डा रवींद्र नाथ को जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने का निर्देश दिया था. बताया जाता है कि पूर्णिया के चूनापुर सैन्य हवाई अड्डे में नागरिक उड्डयन सेवा बहाल करने के निर्णय के बाद उक्त जमीन को उद्यान में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया था.
हवाई अड्डे की जमीन पर है अतिक्रमण
लगभग तीन दशक से हवाई अड्डे की पूर्वी भाग में करीब 400 परिवारों ने टट्टी एवं टीना का घर बना कर सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर रखा हैं. कई घरों के लोगों ने तो वकायदा बिजली कनेक्शन तक ले रखा है. वहीं यहां रह रहे लोगों ने बीपीएल कार्ड, वोटर पहचान पत्र, राशन कार्ड एवं आधार कार्ड भी बनवा रखा है. यहां रह रहे लोगों में जयप्रकाश राम, ललन कुमार, शंभु साह, संतोष राम, संजय यादव, शंभु पासवान आदि बताते हैं कि पूर्व में वे लोग कोर्ट स्टेशन अंतर्गत रेलवे की जमीन पर बसे हुए थे. रेलवे विभाग द्वारा खाली कराये जाने पर हवाई अड्डे की खाली जमीन पर आकर बस गये. लोगों ने बताया कि वे सभी भूमिहीन हैं. प्रशासन द्वारा हटाये जाने पर अब कहां जायेंगे. बताया कि अगर उन लोगों को अन्यत्र सरकारी जमीन आवंटित कर स्थायी रूप से बसा दिया जायेगा तो आसानी से खाली कर देंगे.
वन विभाग को नहीं है जानकारी
वन विभाग के अधिकारियों से जब इस संबंध में पूछा गया तो, अधिकारियों ने इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इन्कार किया. अधिकारियों ने बताया कि तत्कालीन डीएम और प्रशासनिक महकमे की ओर से इस संबंध में किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गयी थी. जानकारों की माने तो उद्यान बनाने के लिए सबसे पहले वन विभाग को सूचना दी जाती है, ताकि वहां पौधरोपण कर वन का स्वरूप दिया जा सके. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से दो वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की सूचना नहीं भेजी गयी और न ही उनसे पुराने हवाई अड्डे में पौधरोपण करने का निर्देश दिया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें