पूर्णिया : मुख्य बस पड़ाव में सोमवार की शाम अपराधियों द्वारा कार्बाइन का प्रदर्शन और गोलीबारी की घटना के बाद बस पड़ाव में दहशत का माहौल है. हर चेहरा सशंकित नजर आ रहा है. बस के कर्मी दबी जुबान से कुछ बताते भी हैं, लेकिन बस ऑनर चुप्पी साधे हुए हैं. मंगलवार को दिन के 01 बज रहे थे और बस पड़ाव में एक अलग तरह की ही खामोशी पसरी हुई थी. हालांकि, बस बुक करने वाले एजेंट सामान्य दिनों की तरह अपना काउंटर लगाकर बैठे हुए थे,
लेकिन अन्य दिनों में जैसे ही किसी को भी देखकर एजेंट अपने बस का नाम लेकर बुलाया करते थे, वैसा माहौल देखने को नहीं मिला. चाय-पान की दुकान पर भीड़-भाड़ भी कम नजर आयी. बस अड्डे में स्थित महावीर मंदिर में सन्नाटा नजर आ रहा था. कई लोग जगह-जगह जमा होकर घटना की चर्चा में लगे हुए थे, तो कुछ लोग घटना की खबर अखबारों में ध्यान से पढ़ते दिखे. एक बुकिंग क्लर्क से जब कुछ जानने की कोशिश की गयी तो उसने आस-पास देखने के बाद धीरे से कहा ‘छोड़िये न साहब, बस मालिक अपने तरीके से मामले को सुलझा लेंगे’.
करीब 1:20 बजे एक बाइक पर हथियार से लैस दो पुलिस के जवान को देखकर बस कर्मियों के चेहरे पर थोड़ा सुकून नजर आया. दोनों पुलिस कर्मियों ने बस कर्मियों से मुखातिब होकर कहा कि ‘घबराने की बात नहीं है,अब देर संध्या तक यहां तब तक रहेंगे, जब तक पटना जाने वाली सभी बस चली नहीं जाती है.
चार मिनट तक ही थे अपराधी
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार लगभग 07 बजे संध्या दो बाइक पर सवार चार युवक हवा-हवाई बस के पास सबसे पहले पहुंचा था. चारों के चेहरे मफलर से ढ़का हुआ था. उनमें से एक युवक ने हवा-हवाई बस के चालक मुन्ना सिंह को कार्बाइन सटाकर मारपीट किया था. इस दौरान बुकिंग एजेंट उमांशकर सिंह भी चोटिल हुए. उनलोगों में तीन ओमी रथ बस के सामने पहुंचकर बुकिंग काउंटर उलट दिया और पिस्टल निकालकर बस के शीशे पर गोली चला दिया. वहां मौजूद सभी बस कर्मियों को गाली-गलौज करते हुए यह धमकी दिया कि सभी बस वाले प्रतिदिन 100 रुपये देना, नहीं तो जान से हाथ धो बैठेगा. इतना कहकर सभी चार युवक बाइक पर बैठकर हवा में हथियार लहराते हुए तीन गोलियां चलाया और बस अड्डे के पश्चिम-उत्तर कोने के रास्ते महबूब खां टोला की ओर फरार हो गया.
कहते हैं बस मालिक
गोली बारी की घटना को लेकर जहां बस मालिकों की चिंता बढ़ी हैं, वहीं सभी अपने-अपने अनुसार रास्ते भी निकालने में जुट गये हैं. रोजाना पटना जाने वाली लगभग 45-50 बसों में कई बसें बस अड्डे से बाहर खड़ी रहती है.बाहर खड़े रहने वाले बस ऑनर अड्डे के अंदर की अपेक्षा थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं. कुमार बस के मालिक कार्यानंद कुंवर ने कहा कि बस ऑनर संघ नहीं रहने से एकजुटता का अभाव है. संघ के सक्रिय नहीं रहने के कारण ऐसे माहौल पैदा हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर ओमी रथ के मालिक दीपेश ने कहा कि रुपये उगाही को लेकर ऐसी घटना हुई है. बस स्टैंड के बाहर रोजाना असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है, लेकिन पुलिस उस ओर ध्यान नहीं देती है. अधिकतर बस मालिकों ने मौन रहना ही मुनासिब समझा.