पूर्णिया कोर्ट : जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण गोपाल द्विवेदी ने हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए झुन्नी इस्तबरार गांव के नंदलाल मेहता, राजेश मेहता, बालेश्वर मेहता व सिकंदर मेहता को योगेंद्र मेहता के हत्या के मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी. वहीं प्रत्येक को 5000 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. मामले में सूचक दिलीप कुमार मेहता थे, जिन्होंने केनगर थाना कांड संख्या 501/15 दर्ज कराया था.
Advertisement
दादा, बेटा व पौत्र को हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा
पूर्णिया कोर्ट : जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण गोपाल द्विवेदी ने हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए झुन्नी इस्तबरार गांव के नंदलाल मेहता, राजेश मेहता, बालेश्वर मेहता व सिकंदर मेहता को योगेंद्र मेहता के हत्या के मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी. वहीं प्रत्येक को 5000 रुपये का अर्थ दंड भी […]
23 अक्तूबर 2015 को सुबह 8:30 बजे योगेंद्र मेहता (मृतक) अपने परिवार के साथ मकई का बीज लगाने खेत पर जा रहे थे. इसी दौरान नंदलाल ने ईंट सोलिंग सड़क पर बरगद पेड़ के पास रोक लिया और अपने सभी अभियुक्तों के साथ मिल कर अंधाधुंध लाठी-डंडा से मारपीट करने लगा. इससे वह बेहोश होकर गिर पड़े. आसपास के लोग जब इकट्ठा हुए, तो हमलावर फरार हो गये. घायल योगेंद्र मेहता को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी.
मामले में सुनवाई अलग-अलग सत्रवाद संख्या 66/16 तथा सपलिमेंटरी सत्रवाद संख्या 238/16 वादों में चली. इसमें लोक अभियोजक महाराणा प्रताप सिंह व अपर लोक अभियोजक उदय केशरी ने सभी साक्ष्यों को न्यायालय में साक्ष्य कराया था. मामले में न्यायालय ने अभियुक्तों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इसमें खास बात यह है कि अभियुक्तों में नंदलाल मेहता का पुत्र राजेश मेहता व राजेश मेहता का पुत्र बालेश्वर मेहता शामिल है. अर्थात तीन पुश्त के लोगों को न्यायालय में एक साथ एक ही मामले में हत्या की सजा सुनायी गयी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement