सूने घरों को सॉफ्ट टारगेट बना रहे चोर

पूर्णिया : शहर में बंद घरों को चोर साॅफ्ट टारगेट बना रहे हैं. इन िदनों पर्व-त्योहारों का मौसम है. ऐसे में लोग पर्व मनाने के लिए अपने घर जाते हैं. इस कारण उनके घरों में ताले लटके रहते हैं. ऐसे में चोर उन घरों की रेकी कर आसानी से चोरी को अंजाम दे रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 23, 2017 1:47 PM
पूर्णिया : शहर में बंद घरों को चोर साॅफ्ट टारगेट बना रहे हैं. इन िदनों पर्व-त्योहारों का मौसम है. ऐसे में लोग पर्व मनाने के लिए अपने घर जाते हैं. इस कारण उनके घरों में ताले लटके रहते हैं. ऐसे में चोर उन घरों की रेकी कर आसानी से चोरी को अंजाम दे रहे हैं. हालिया वर्षों में चोर वैसे घरों को निशाना बना रहे हैं, जो बंद रहते हैं.
पर्व-त्योहार के मौके पर अक्सर लोग परिवार के साथ सगे-संबंधियों अथवा पैतृक गांव घर बंद कर चले जाते हैं. इस बार छठ पर्व को लेकर भी कई परिवार अपने घर बंद कर गांव चले जायेंगे. चोर ऐसे घरों को निशाना बना कर बड़ी ही आसानी से घटना को अंजाम देते रहे हैं. इस बार भी ऐसी आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. पिछले तीन वर्ष के आंकड़े को देखें तो छठ पर्व के दौरान चोरी की सर्वाधिक घटना हुई है. कई लोगों को चोरी का तब पता चलता है, जब वे वापस घर लौटते हैं. लिहाजा सतर्कता बरत कर ही पर्व-त्योहार का आनंद रिश्तेदारों के साथ लिया जा सकता है.
जेवर व नकद रुपये िबल्कुल न छोड़ें
अगर आप अपने परिवार के साथ घर बंद कर बाहर जा रहे हैं तो सोने-चांदी के जेवर और नकद रुपये अपने साथ ले जाएं. अमूमन बीते वर्षों में हुए चोरी की सभी घटनाओं में चोरों ने सोने-चांदी और नकद रुपये ही अपने साथ ले गये. ऐसे में जेवर व नकद साथ ले जाने पर चोरों की कोशिश नाकाम रहेगी. क्योंकि अन्य सामानों को चोर हाथ तक नहीं लगाते हैं. ऐसा इसलिए कि घर से सामान उठा कर ले जाने में पकड़े जाने का डर बना रहता है. पुलिस कार्रवाई में भी इन सामानों को ठिकाना लगाना आसान नहीं होता. यही वजह है कि बीते वर्षों में हुए अधिकांश चोरी की घटना के उद्भेदन में पुलिस सफल नहीं हो पायी है. पीड़ित गृहस्वामी द्वारा थाने में चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराना केवल औपचारिकता बन कर रह गयी है. पुलिस द्वारा कहा जाता है कि जब भी घर बंद कर शहर से बाहर जाएं, स्थानीय थाना को इसकी सूचना जरूर दें. लेकिन प्रचलन में यह सलाह सरजमीं तक नहीं उतर पाया है. जहां तक पुलिस की रात्रि गश्ती का सवाल है, यह मुख्य सड़कों एवं चौक-चौराहों तक ही सीमित रहती है.

Next Article

Exit mobile version