पूर्णिया : मिर्ची कारोबारी राजू खान की हत्या के बाद खुश्कीबाग हाट की फिजा बदली-बदली नजर आ रही है. तमाम तरह के गैर कानूनी धंधे पर बहरहाल ब्रेक लग गया है तो इस धंधे से जुड़े अधिकांश लोग या तो फरार हैं या फिर उन्होंने खुद को अपने घरों तक सीमित कर रखा है. जाहिर है कि इस धंधे से जुड़े लोग राजू खान की हत्या को एपीसोड की समाप्ति नहीं मान रहे हैं,
लिहाजा हर चेहरे पर संशय का भाव बरकरार है. हालांकि काले कारोबार को फिर से स्थापित करने की कवायद भी आरंभ हो गयी है. वहीं दूसरी ओर जुए के अन्य अड्डे अब गुलजार होने लगे हैं. खासकर गुलाबबाग के इलाके में अब फिर से जुए का खेल आरंभ हो गया है. दरअसल करोड़ों-अरबों के इस काले कारोबार को इसके संचालक यूं ही नहीं जाने देना चाहते हैं. खासकर जब मौसम जुए का हो और रातोंरात लखपति बनने का अवसर मिलता हो तो येन-केन-प्रकारेण गोरखधंधे में शामिल लोग इसे परवान चढ़ाने की कवायद में जुटे हुए हैं.
फिर से खेल आरंभ करने की बढ़ी सुगबुगाहट : लाखों-करोड़ों के अवैध कारोबार पर ग्रहण लगने से इससे जुड़े अन्य काले कारोबारियों में खलबली मची हुई है. जुए से जुड़े कई लोग तो इसे अब मुख्य पेशा के रूप में अपना चुके हैं. ऐसे लोगों ने जो अपनी दुकान या कोई अन्य ऑफिस खोल रखा है, वह केवल दिखावे के लिए है. ऐसे लोग येन-केन-प्रकारेण इस धंधे को फिर से हाट में आरंभ कराने की कवायद में जुट गये हैं. जानकार बताते हैं कि इसको लेकर धंधे से जुड़े लोगों की गुप्त बैठक रविवार की देर शाम गुलाबबाग में भी हो चुकी है. ऐसे लोग वेट एंड वाच की स्थिति में हैं. इस बात का इंतजार हो रहा है कि जब राजू खान हत्याकांड में एक-दो लोगों की गिरफ्तारी हो जायेगी या मामले का खुलासा हो जायेगा, तब इस धंधे को फिर से आरंभ किया जायेगा. वहीं सबसे अहम मसला पुलिस से सेटिंग का है, जिसके बिना जुए का अड्डा संचालित होना संभव नहीं है. लेकिन राजू खान हत्याकांड प्रकरण के बाद पुलिस से सेटिंग-गेटिंग का फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है.
संचालित हो रहे जुए के सात बीट : जुए के धंधे को करीब से जानने वालों के अनुसार सदर थाना क्षेत्र में खुश्कीबाग हाट से लेकर गुलाबबाग तक जुए के 07 बीट संचालित हो रहे हैं. वहीं 01 बीट मुफस्सिल थाना क्षेत्र में संचालित हो रहा है. मिली जानकारी अनुसार बीते चार-पांच दिनों से इन अड्डों पर जुए का खेल आरंभ हो चुका है. लेकिन इस बार विशेष चौकसी बरती जा रही है. बताया जाता है कि गुलाबबाग इलाके के एक चर्चित गोदाम मालिक के गोदाम में खेल आरंभ हो गया है. गोदाम मालिक ही इस धंधे के संरक्षक हैं और विलास चौधरी से उसके बेहतर संबंध बताये जाते हैं. हालांकि यहां देखभाल की जिम्मेवारी रामबाग इलाके के दो युवा धंधेबाजों ने संभाल रखी है. वहीं हांसदा रोड के एक गोदाम में भी जुए का खेल हो रहा है, जो कभी सुपारी गोदाम हुआ करता था. इस गोदाम के मालिक सुपारी किंग के नाम से मशहूर वह शख्स है, जो वर्ष 2014 तक सुपारी तस्करी के सिंडिकेट का बादशाह हुआ करता था. इसके अलावा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक चिमनी भट्ठा में भी जुए की महफिल सज रही है. जबकि सदर थाना क्षेत्र में गुंडा चौक, कोल्ड स्टोरेज के इर्द-गिर्द , जीरो माइल के पास स्थित एक होटल, चौहान टोला स्थित आम बागीचा, घोषपाड़ा स्थित रेलवे गुमटी के पास और प्रखंड कार्यालय स्थित पानी टंकी के पास बीते एक सप्ताह से दिन में भी जुए का अड्डा सरेआम संचालित हो रहा है.
खुश्कीबाग जुआ अड्डा में पसरा सन्नाटा
करीब डेढ़ दशक पहले शहर के जिस जुए के अड्डे की शुरुआत हुई और बदलते दौर में पूरे कोसी और सीमांचल में जुए के सबसे बड़े अड्डे के रूप में अपनी पहचान बनायी, वह खुश्कीबाग जुआ अड्डा आज वीरान है. कहते हैं कि तब शहर के एक चर्चित खिलाड़ी ने खुश्कीबाग में जुए के अड्डे की नींव रखी थी. उस समय आज का सरगना विलास चौधरी उस समय जुए के खेल में शागिर्द हुआ करता था. लेकिन शीघ्र ही विलास चौधरी बाहुबल की वजह से जुए के अड्डे का सर्वोसर्वा बन बैठा. खास बात यह रही कि बीते डेढ़ दशक में खुश्कीबाग में कभी जुए का खेल बंद नहीं हुआ. इस दौरान पुलिसिया कार्रवाई भी हुई, विलास चौधरी जेल भी गया, लेकिन जुए का खेल बदस्तूर जारी रहा. लेकिन इस बार पासा उल्टा पड़ गया है. राजू खान हत्याकांड में न केवल विलास चौधरी नामजद अभियुक्त है, बल्कि उसके संकटमोचक रहे भाई और खास शागिर्द भी नामजद हैं. सभी फरार हैं और जुए के अड्डे पर सन्नाटा पसरा हुआ है.
मोटे अनुमान के तौर पर सदर थाना व मुफस्सिल थाना क्षेत्र में प्रतिवर्ष कम से कम 40 से 50 करोड़ का जुए का होता है खेल
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