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जुआ ही नहीं, िक्रकेट मैच पर भी सालों से लग रहा है सट्टा
पूिर्णया का खुश्कीबाग हाट यूं तो फल व सब्जियों के हाट के रूप में प्रख्यात है. लेकिन यहां के व्यवसािययों ने इसे काले कारोबार के हाट के रूप में नयी पहचान िदला दी है. पूर्णिया : पूर्णिया जंक्शन के पास स्थित खुश्कीबाग हाट यूं तो सब्जी और फल के व्यापार के लिए पूरे सीमांचल में […]
पूिर्णया का खुश्कीबाग हाट यूं तो फल व सब्जियों के हाट के रूप में प्रख्यात है. लेकिन यहां के व्यवसािययों ने इसे काले कारोबार के हाट के रूप में नयी पहचान िदला दी है.
पूर्णिया : पूर्णिया जंक्शन के पास स्थित खुश्कीबाग हाट यूं तो सब्जी और फल के व्यापार के लिए पूरे सीमांचल में मशहूर है, लेकिन बीते एक दशक से अपनी परंपरागत पहचान के अलावा इसने अवैध कारोबार के हाट के रूप में भी अपनी पहचान बनायी है. मिट्ठू चौहान पर जानलेवा हमला और मिर्ची कारोबार के सिंडिकेट सदस्य राजू खान की हत्या के बाद यह स्पष्ट हो गया कि गैर कानूनी कारोबार पर कब्जे की लड़ाई वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील हो चुकी है और आने वाले दिनों में लाखों-करोड़ों की विरासत पर कब्जे का जंग आगे भी जारी रहेगी.
प्रभात खबर की पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि यहां गांजा, अवैध शराब का कारोबार, अवैध लॉटरी और जुए के अलावा हाट से क्रिकेट मैच का सट्टा बाजार भी संचालित होता रहा है. खास बात यह है कि जब से कारोबारियों के बीच दबंगों और अपराधियों की पैठ बनी है, तब से यहां तमाम तरह के अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं. जानकारों की मानें तो क्रिकेट के सट्टा बाजार में भी अब तक कई लोग करोड़पति हो चुके हैं.
सट्टे की न्यूनतम राशि होती है एक हजार : खुश्कीबाग हाट में जुए के अलावा क्रिकेट मैच के सट्टा बाजार का खेल वर्षों से फल-फूल रहा है. जब-जब भारत के साथ अन्य देशों में क्रिकेट मैच खासकर वनडे एवं टी-20 मैच होता है, सट्टा का दौर शुरू हो जाता है. स्थानीय स्तर पर हाट के अंदर ऐसे आयोजन पर सट्टेबाजों का जमावड़ा लगता रहता है. जानकारों की मानें तो क्रिकेट मैच शुरू होने से पहले सट्टे का रेट तय हो जाता है.
यह रेट मुंबई एवं दिल्ली के सट्टेबाज तय करते हैं. रेट की न्यूनतम राशि एक हजार होती है, जबकि अधिकतम राशि लाखों रुपये तक जाती है. सट्टे के खेल में पुराने ग्राहकों की संख्या सैकड़ों में है. इन लोगों से सट्टा बाजार के संचालक फोन पर संपर्क कर मैच में लगने वाले राशि की जानकारी दिया करते हैं.
टॉस होने से पूर्व जमा होती है राशि : क्रिकेट मैच के दौरान मैदान में टॉस होने से पूर्व ग्राहकों से दांव पर लगने वाले तय राशि की वसूली कर ली जाती है. सट्टे की राशि स्थानीय संचालक मुंबई व दिल्ली में बैठे अपने आका से पूछ कर तय करते हैं. सट्टेबाजी के नियम समय के अनुसार बदलते रहते हैं. दांव पर लगे रुपये दोगुना से लेकर तीन गुणा तक आसानी से हो जाते हैं. जीत-हार के अलावा बल्लेबाज और गेंदबाज पर भी दांव लगाया जाता है. खासकर धुरंधर बल्लेबाज के शतक बनाने पर भी दांव लगाये जाते हैं.
हाल के दिनों में विराट कोहली के खेल पर सर्वाधिक दांव लगाये जाते रहे हैं. जबकि पूर्व में महेंद्र सिंह धौनी सट्टेबाजों के पहली पसंद हुआ करते थे. सट्टे के इस खेल में नये लोगों को आसानी से शामिल नहीं किया जाता है. केवल विश्वासपात्र सट्टेबाजों को ही सट्टे में शामिल होने का मौका मिलता है.
करोड़ों तक लगते हैं दांव : खुश्कीबाग हाट में क्रिकेट मैच के सट्टे के इस खेल में ग्राहकों की संख्या अब हजारों तक पहुंच चुकी है. खास बात यह है कि खुश्कीबाग में संचालित हो रहे सट्टा बाजार में स्थानीय सट्टेबाजों के अलावा अररिया, कटिहार और मधेपुरा के भी सट्टेबाज रुचि लेते रहे हैं. जानकार बताते हैं कि सट्टेबाजों में पुराने धनाढ्यों के अलावा युवा पीढ़ी के सट्टेबाज भी शामिल है, जिनकी क्रिकेट खेल में गहरी रुचि है.
चूंकि फायदा डबल और ट्रीपल का रहता है, इसलिए लोग रातोंरात अमीर बनने के सपने संजोये रहते हैं. यही वजह है कि एक खेल में करोड़ों की कमाई होती रहती है. पुलिस और प्रशासन की नजर से बचने के लिए सट्टेबाज आलू-प्याज के कारोबार से भी जुड़े हुए हैं. खास बात यह है कि जुए और अवैध लॉटरी की तरह सट्टा बाजार के इस खेल में अब तक विरोधियों की इंट्री नहीं हुई है, लिहाजा बेरोक-टोक यह धंधा फल-फूल रहा है.
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