अब इनका क्या करें. प्रशासन समेत िजले भर के लोग जुटे रहे बाढ़ राहत में
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बाढ़ के शोर के बीच खूब हुई शराब तस्करी, अब हो रही होम डिलिवरी
अब इनका क्या करें. प्रशासन समेत िजले भर के लोग जुटे रहे बाढ़ राहत में यूं तो सूबे में शराबबंदी लागू है, लेकिन शराब के शौकीनों ने िजले में आयी बाढ़ के बीच भी अपने लिए शराब की व्यवस्था करायी. कुछ ने तस्करी की. अब तो शराब की होम िडलीवरी तक िजले में करायी जा […]
यूं तो सूबे में शराबबंदी लागू है, लेकिन शराब के शौकीनों ने िजले में आयी बाढ़ के बीच भी अपने लिए शराब की व्यवस्था करायी. कुछ ने तस्करी की. अब तो शराब की होम िडलीवरी तक िजले में करायी जा रही है.
पूर्णिया : बायसी अनुमंडल में जब बाढ़ ने तबाही मचायी तो चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था. लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे थे. प्रशासनिक महकमा बचाव और राहत कार्य से जुड़ गया. लिहाजा इस मौके का शराब तस्करों ने जम कर लाभ उठाया. न केवल सड़क के माध्यम से, बल्कि नदियों के माध्यम से भी शराब की तस्करी हुई.
बाढ़ पीड़ितों ने जब एनएच 31 को अपना आशियाना बनाया तो शराब तस्करों के लिए यह माहौल काफी लाभदायक साबित हुआ. जानकार बताते हैं कि अब जब एनएच पर भागम-भाग समाप्त हो चुकी है तो शराब तस्करों की भी गतिविधि कम हो गयी है और शहर के कई हिस्से में तस्करी कर लाये गये शराब को डंप कर दिया गया है. अब उन स्थानों से शराब की होम डिलिवरी हो रही है.
खुश्कीबाग व बेलौरी में हुआ स्टॉक : अवैध शराब के कारोबारियों ने दालकोला से शराब लाकर खुश्कीबाग, कटिहार मोड़ एवं बेलौरी में स्टॉक कर लिया है. जानकारों की मानें तो खुश्कीबाग हाट के पीछे और कटिहार मोड़ स्थित एक खानपान होटल के पीछे एवं बेलौरी रेलवे ढावा के पास शराब स्टॉक किया गया है. लोगों ने यहां तक बताया कि इस बार विदेशी शराब की बोतलों से अधिक पाउंच (फ्रूटी) मंगायी गयी है. पाउंच की कीमत कम होने और इसे बेचने एवं खरीदने वालों के लिए ले जाना आसान होने के कारण मांग अधिक बढ़ गयी है. 108 एमएल के इस पाउच की कीमत 90 रुपये है, जबकि पूर्णिया में इसे 250 से 300 रुपये में बेची जा रही है.
तमाम कवायद के बावजूद चल रहा कारोबार : राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद जिले के विभिन्न थानों में अवैध शराब मामले में 969 प्राथमिकी दर्ज की गयी और 1574 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. शराबबंदी के बाद 10638 लीटर विदेशी शराब, 1362 लीटर देशी शराब एवं 2184 लीटर महुआ शराब बरामद किया गया है. वहीं एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित 26 अभियुक्तों को गिरफ्तार किये गये. अब तक 2849 किलो 920 ग्राम गांजा भी जब्त किया गया है. इन तमाम कवायद के बावजूद शराब और गांजा की तस्करी लगातार जारी है.
बाढ़ पीड़ित की शक्ल में नजर आये शराब तस्कर
एनएच 31 पर बाढ़ आने के बाद अचानक काफी गहमा-गहमी बढ़ गयी. बायसी का इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआ था. पुलिस महकमा से जुड़े लोग भी सुरक्षित स्थान पर जा चुके थे. बाढ़ का तत्काल असर यह हुआ कि एनएच 31 पर मद्य निषेध अभियान के तहत जो पुलिस द्वारा छापेमारी की जा रही थी, वह एकबारगी थम गया. इसी माहौल का शराब तस्करों ने फायदा उठाया. शराब तस्करों ने बाढ़ पीड़ित की वेशभूषा बनायी और तस्करी को अंजाम देना शुरू किया. खासकर शाम के समय यह धंधा परवान चढ़ता रहा. कभी-कभी पुलिस की पूछताछ होती भी थी तो इतना कह दिया जाता था कि वे लोग बाढ़ पीड़ित हैं, घर में पानी घुस गया है, नये ठिकाने की ओर जा रहे हैं. ताज्जुब की बात यह थी कि कारोबारी अपने वाहनों पर बक्सा, चूल्हा, कुर्सी, खटिया, तोशक आदि घरेलू सामान रख कर चलते थे. इन सामानों के नीचे शराब के बोतलें छुपी होती थी. बाढ़ के पानी का स्तर जितना बढ़ता रहा, इनका कारोबार फलता-फूलता रहा.
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