जम कर बरसे बदरा. भादो की झमाझम बारिश से पानी-पानी हुआ शहर, आगे अभी और बढ़ सकती हैं मुश्किलें
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दिन में रात-सा नजारा, सड़कें बनीं तालाब, चलना दूभर
जम कर बरसे बदरा. भादो की झमाझम बारिश से पानी-पानी हुआ शहर, आगे अभी और बढ़ सकती हैं मुश्किलें शुक्रवार की देर रात से ही जारी बािरश के कारण शहर के चारों ओर जलजमाव हो गया है. लोगों का सड़कों पर निकलना भी दूभर हो गया है. सड़कों पर भारी जलजमाव से वाहनों के परिचालन […]
शुक्रवार की देर रात से ही जारी बािरश के कारण शहर के चारों ओर जलजमाव हो गया है. लोगों का सड़कों पर निकलना भी दूभर हो गया है. सड़कों पर भारी जलजमाव से वाहनों के परिचालन में भी असुविधा हो रही है.
पूर्णिया : मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी देर ही सही शनिवार को रंग लाती नजर आयी. शुक्रवार की देर रात से ही जो बारिश आरंभ हुई, वह शनिवार के दोपहर तक पूरे शबाब पर रहा. शाम में बारिश थमी तो लोगों को राहत मिली. बारिश का यह आलम शहर से गांव तक एक जैसा रहा. लगातार बारिश की वजह से शहर की गलियां लबालब हो गयी और नीचले तल्ले में रहने वाले लोगों को फजीहत का सामना करना पड़ा. वहीं सड़कों पर वीरानगी रही तो व्यवसाय पर भी प्रतिकूल असर देखा गया. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो से तीन दिनों तक मॉनसून की मजबूत स्थिति बनी रहेगी और बारिश होगी. ऐसे में आगे शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है.
जम कर हुई बारिश, लबालब हुई गलियां : बारिश के लिहाज से सावन का महीना सामान्य रहा तो भादो की शुरूआत झमाझम बारिश के साथ हुई है. इस मॉनसून एक दिन में इतनी अधिक बारिश अब तक नहीं हुई थी. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर रात से शनिवार की शाम तक लगभग 109 मिली लीटर बारिश हुई, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इस झमाझम बारिश की वजह से शहर के अधिकांश मुहल्ले में जलजमाव की स्थिति देखने को मिली. खासकर नीचले इलाके में जलजमाव की वजह से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इसके अलावा वैसे मुहल्ले जहां नालियां जाम पड़ी थी, वहां भी मुश्किलें बढ़ी हुई दिखी. हालांकि इस वर्ष लालगंज नाला की निगम द्वारा सफाई का असर भी देखने को मिला. लिहाजा इससे पूर्व जितनी फजीहत भारी बारिश के दौरान झेलनी पड़ती थी, वह थोड़ी कम रही. लेकिन मॉनसून का मिजाज कुछ इसी तरह रहा तो शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ सकती है.
सड़कों पर सन्नाटा, कारोबार हुआ प्रभावित : शनिवार सुबह से ही जोरदार बारिश की वजह से लोगों का घर से निकलना मुश्किल रहा. पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा.आलम यह था कि दिन में भी अंधेरे का एहसास हो रहा था. लिहाजा सड़क पर गाड़ियों की लाइट जली नजर आयी और इक्के-दुक्के वाहन ही सड़क पर चलते रहे. बारिश का ही असर था कि शहर के लगभग 50 फीसदी दुकानें खुल भी नहीं सकी. शहर के सबसे पॉश बाजार माने जाने वाले भट्ठा बाजार में आधी दुकानों का शटर गिरा हुआ था और जो दुकानें खुली हुई थी, वहां भी ग्राहकों का टोटा था. सबसे बुरा हाल फुटपाथी दुकानदारों का था. फुटपाथ पर येन-केन-प्रकारेण दुकान सजाने के बावजूद ग्राहक नदारद रहे. आरएनसाह चौक पर सब्जी दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि दिन के 12 बज चुके हैं और अब तक महज 60 रुपये की बिक्री हुई है. चाय और पान दुकानदारों पर भी सन्नाटा छाया रहा.
मॉनसून का टर्फ लाइन बेहतर, इसलिए बािरश
मॉनसून का टर्फ लाइन बहरहाल बेहतर स्थिति में है. इस वजह से बिहार और झारखंड में बारिश हो रही है. बारिश की यह स्थिति कम से कम दो से तीन दिनों तक जारी रहेगी. कुल मिला कर मॉनसून की यह बारिश कृषि के लिहाज से फायदेमंद है. बारिश के साथ नमी युक्त हवा चलने की वजह से मौसम भी कूल-कूल रहेगा. वहीं तूफान की संभावना नहीं के बराबर है.
डा देवन चौधरी, मौसम वैज्ञानिक
दरअसल आपदा विभाग द्वारा शुक्रवार को जिले में भारी बारिश की संभावना जतायी गयी थी. इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा गुरूवार की देर शाम जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी की घोषणा कर दी गयी थी. लेकिन शुक्रवार को भारी बारिश की आशंका निर्मूल साबित हुई. शनिवार को स्कूल पूर्व की तरह खुला हुआ था. लेकिन शनिवार की सुबह से ही लगातार बारिश जारी रही. इस वजह से स्कूल जाने में जहां बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं दोपहर छुट्टी के दौरान भी स्कूली बच्चे बारिश के साये से बच नहीं सके. सुबह से हो रही बारिश का असर भी स्कूलों में देखने को मिला. अधिकांश स्कूलों में 50 से 60 फीसदी तक बच्चों की अनुपस्थिति दर्ज हुई.
अभी दो से तीन दिनों तक और बारिश की संभावना
मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार आने वाले दो से तीन दिनों तक बारिश की लगातार संभावना है. बताया जाता है कि बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त पर्याप्त मात्रा में पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के इलाके में पहुंच रही है. ऐसी स्थिति में मॉनसून की बारिश हमेशा बेहतर होने की संभावना रहती है. बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई है. न्यूनतम तापमान आने वाले दो-तीन दिनों तक 23-24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. इसके अलावा हल्की हवा भी चलती रहेगी. इस बारिश की वजह से धान की फसल को सबसे अधिक फायदा होगा. भादो की यह बारिश धान की फसल के लिए अमृत मानी जा रही है. जबकि सब्जी की फसल थोड़ी प्रभावित होगी.
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