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बगैर स्पीड गवर्नर के नहीं चलेंगी स्कूल बसें

आदेश. जिला परिवहन पदाधिकारी ने अपनाया कड़ा रुख, भेजे नोटिस, सात दिनों की मोहलत अब सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों के वाहनों में लगेगा स्पीड गवर्नर, स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर के बगैर नहीं मिलेगा फिटनेस. पूर्णिया : सरकारी अथवा गैर सरकारी के साथ-साथ अर्ध सरकारी शिक्षण संस्थानों एवं स्कूलों के वाहनों में स्पीड गवर्नर […]

आदेश. जिला परिवहन पदाधिकारी ने अपनाया कड़ा रुख, भेजे नोटिस, सात दिनों की मोहलत

अब सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों के वाहनों में लगेगा स्पीड गवर्नर, स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर के बगैर नहीं मिलेगा फिटनेस.
पूर्णिया : सरकारी अथवा गैर सरकारी के साथ-साथ अर्ध सरकारी शिक्षण संस्थानों एवं स्कूलों के वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अब अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए एक सप्ताह की मोहलत देते हुए परिवहन विभाग ने सभी स्कूलों को कड़ी हिदायत दी है. इससे स्कूल संचालकों के बीच हड़कंप मच गया है.
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय अब एजुकेशन हब बन गया है. यहां बड़ी संख्या में निजी स्कूल एवं बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान हैं. इन शैक्षणिक संस्थानों के पास बड़े-बड़े वाहन हैं, जो रोजाना छात्रों को उनके घर से सेंटर तक ले जाने का काम कर रहे हैं. इन संस्थानों के बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार स्पीड गवर्नर लगाने की हिदायत दी गयी है. माना जा रहा है कि स्पीड गवर्नर स्वत: परिचालन पर नियंत्रण करेगा और कतिपय दुर्घटना की आशंका से छात्रों का बस सुरक्षित रहेगा.
कैसा होगा स्पीड गवर्नर
स्पीड गवर्नर का निर्धारित मानक 6000 वर्ग एमएम का बारकोड युक्त स्टीकर होगा. जो सामने वाले वींडस्क्रीन के ऊपरी भाग की बाएं तरफ 55 एमएम का वृताकार में लगा रहेगा.
जिला परिवहन पदाधिकारी ने स्कूल बसों के परिचालन में जो निर्देश दिये हैं, उनमें स्पीड गवर्नर तो है ही, साथ ही बच्चों को ले जाने एवं लाने वाले प्रत्येक वाहन में एक शिक्षक की मौजूदगी अनिवार्य कर दी गयी है. साथ ही बसों या अन्य वाहनों में निर्धारित सीट से अधिक बच्चों को बैठाने पर भी बंदिश लगा दी गयी है. इससे भी इतर प्रत्येक वाहन में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रखने की हिदायत दी गयी है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि जारी निर्देशों के अनुकूल न पाये जाने वाले वाहनों एवं स्कूल संचालकों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई हो सकती है.
स्पीड गवर्नर वाहनों के स्पीड को नियंत्रण करने वाला एक यंत्र है, जो वाहनों के हाइ स्पीड पर लगाम लगा देगा. यह एक विकसित डिवाइस है, जो स्पीड पर ऑटो कंट्रोल कर देता है. विभागीय सूत्रों के अनुसार स्कूल बस में ऐसा स्पीड गवर्नर लगाने को कहा गया है, जो औसतन 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड पर स्वत: कंट्रोल कर दे.
100 से अधिक हैं स्कूल बसें
पूर्णिया शहर में करीब एक हजार छोटे-बड़े निजी शैक्षणिक संस्थान हैं. इनमें तीन सौ से अधिक स्कूल शिक्षा विभाग में रजिस्टर्ड हैं. करीब एक दर्जन निजी शैक्षणिक संस्थानों के पास अपने वाहन हैं. हालांकि स्कूल बस के रूप में कितनी वाहनें चल रही हैं, इसका आंकड़ा परिवहन विभाग में भी नहीं है, लेकिन शहर में कम से कम 100 स्कूल बसें चलन में बतायी जा रही है. इनमें सिर्फ बसें ही नहीं बल्कि कुछ अन्य फोर व्हीलर भी हैं.
सभी स्कूल संचालकों को स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर लगाने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी गयी है. स्पीड गवर्नर लगाने के दायरे में स्कूल बसों के अलावा मैजिक भी हैं. आने वाले समय में स्पीड गवर्नर के बगैर चलने वाली कमर्शियल वाहनों का फिटनेस भी संभव नहीं होगा.
मनोज कुमार शाही, जिला परिवहन पदाधिकारी, पूर्णिया.

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