नागेश्वर कर्ण @ पूर्णिया
वह उम्र के इस पड़ाव पर शारीरिक रूप से थक चुकी है, तो अपनों ने ही उसे इतना दर्द दिया कि अब वह मानसिक रूप से भी टूट चुकी है. 95 वर्षीया चुनिया देवी बचपन में अपने पिता मोलाई मंडल के हाथों बड़ी नाजों से पाली गयी थी. लेकिन, असमय विधवा होने के साथ उसे संतान सुख भी प्राप्त नहीं हो सका. जिंदगी के भवसागर को पार करने के लिए जिन चचेरे भाइयों पर भरोसा जताया, उन्होंने ही भरोसे का कत्ल किया और उम्र के इस पड़ाव पर उसे पूर्णिया कोर्ट स्थित रेलवे स्टेशन के मुसाफिर खाने में बांकी जिंदगी बिताने के लिए पहुंचा दिया. चुनिया का कसूर केवल इतना था कि पिता के बनाये हुए दो मंजिला मकान को जमीन सहित वह अपने चचेरे भाइयों को लिखित रूप से देने के लिए राजी नहीं हुई. पहले तो चुनिया को प्रताड़ित किया गया और फिर उसे रिक्शे पर लाद कर स्टेशन के मुसाफिर खाने में भाग्य के भरोसे बसर करने के लिए छोड़ दिया गया.
रिक्शा चालक के माध्यम से पहुंचाया स्टेशन
बुधवार की शाम लगभग सात बजे पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर एक रिक्शा चालक उसे लेकर टिकट घर के सामने बने मुसाफिर खाना पहुंचा. स्टेशन पर मौजूद यात्रियों को जब तक कुछ माजरा समझ में आता, तब तक रिक्शा चालक उसे छोड़ कर जा चुका था. स्टेशन पर लाखों लोगों की भीड़ में अब चुनिया देवी अकेली रह गयी थी.
एक दशक से प्रताड़ित कर रहे थे भाई
चुनिया देवी की मानें तो उसका पूर्णिया कॉलेज के पास दो मंजिला मकान है. वह मकान उसके पिता मोलाई मंडल द्वारा बनायी गयी थी. उसके साथ उसके चचेरे भाई पीतांबर मंडल और जर्नादन मंडल रह रहे थे. जर्नादन मंडल और पीतांबर मंडल पूर्णिया कॉलेज में कर्मचारी हैं. चुनिया देवी के अनुसार बीते एक दशक से जमीन और मकान अपने नाम लिखाने के लिए दोनों भाई उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. इधर, कई दिनों से मकान-जमीन लिखने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. इनकार करने पर भाइयों ने एक रिक्शा को बुला कर सारे सामान के साथ उसे रेलवे स्टेशन पर रहने के लिए भेज दिया.
भाइयों ने कहा चुनिया घर से हो गयी गायब
स्वार्थ और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा यह है कि भूखी-प्यासी चुनिया देवी को घर से निकाले जाने के बाद दोनों भाई और उसके परिजन घर में निश्चिंत भाव से रह रहे हैं. देर शाम जब आरपीएफ पुलिस चुनिया देवी से बातचीत के बाद पता हासिल कर चुनिया के मकान पर पहुंची, तो पहले तो उनके भाइयों ने कहा कि चुनिया देवी मर चुकी है और फिर जब पुलिस ने वस्तुस्थिति बतायी, तो उन्होंने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि वह अपनी मर्जी से घर से बाहर गयी है. इसके बाद परिजनों द्वारा घर के दरवाजे बंद कर लिये गये. आरपीएफ के उक्त जवान ने बताया कि मामले की सूचना जीआरपी थाने को दे दी गयी है. वृद्धा के बयान पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. बमुश्किल बोल पा रही चुनिया ने कहा ‘भगवान कतय छै, किया नय हमरा लाय जाय छै, आब कोन करम दखै लै चाहै छै’.