आफत . दोपहर में पारा पहुंच रहा 38 डिग्री, घरों में दुबके लोग
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बारिश होती नहीं, ऊपर से आग बरसा रहा आसमान
आफत . दोपहर में पारा पहुंच रहा 38 डिग्री, घरों में दुबके लोग बािरश नहीं होने के कारण शहरवािसयों को आषाढ़ का महीना काटना भी मुिश्कल हो गया है. एक तो बािरश नहीं हो रही उसपर आसमान से आग बरस रही है. पूर्णिया : आषाढ़ का महीना शुरू हो गया है. बारिश के साथ ठंडी […]
बािरश नहीं होने के कारण शहरवािसयों को आषाढ़ का महीना काटना भी मुिश्कल हो गया है. एक तो बािरश नहीं हो रही उसपर आसमान से आग बरस रही है.
पूर्णिया : आषाढ़ का महीना शुरू हो गया है. बारिश के साथ ठंडी बयार बहनी चाहिए. मगर मिनी दार्जीलिंग में इसका उल्टा हो रहा है. यहां आसमान से बारिश के बदले आग बरस रही है. मंगलवार को सुबह से ही सूर्यदेवता के तेवर तल्ख नजर आये. दोपहर में पारा 38 डिग्री पर पहुंच गया. जबकि इस बार की गरमी में अधिकतम तापमान 39 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है. मतलब, वर्षाकाल में ग्रीष्मकाल से मात्र एक डिग्री कम तापमान.
मौसमी फलों व शीतल पेय की बिक्री बढ़ी : आषाढ़ के महीने में पड़ रही भीषण गरमी से बचाव के लिये लोग मौसमी फलों और शीतल पेय का सहारा ले रहे हैं. कई घरों में कच्चे आम के शरबत को प्राथमिकता दी जा रही है. भीषण गरमी में कोल्ड ड्रिंक्स का बाजार भी काफी कूल-कूल हो गया है. हालांकि पेय पदार्थ को ठंडा रखने की एवज में दुकानदार बिजली शुल्क के तौर पर तीन से पांच रुपये तक वसूल किये जा रहे हैं. जहां शहरी लोग तरबूज को तवज्जो दे रहे हैं वहीं ग्रामीणों को ताड़ का फल काफी रिझा रहा है.
मूसलधार बारिश के बाद भी मौसम की बेरुखी कायम : रविवार को दोपहर के बाद जोरदार बारिश हुई थी और ठंडी हवा भी चली थी. हालांकि यह खुशनुमा मौसम ज्यादा देर तक नहीं टिक सका. सोमवार से ही सूर्यदेवता ने अपने तेवर कड़े कर लिये थे. मंगलवार को रही-सही कसर पूरी हो गयी. मौसम विभाग का मानना है कि मानसून के सीमांचल में प्रवेश करने के बाद मौसम में काफी बदलाव आ जायेगा. हालांकि ऊमसभरी गरमी से पूरी तरह से पीछा छूटने में अभी काफी वक्त लगेगा.
पावर कट की समस्या से लोग हो रहे परेशान : इधर, मौसम की बदमिजाजी लोगों को तड़पा रही है और उधर, बिजली रानी लोगों को रुला रही है. शहरी क्षेत्र में पावर कट की समस्या से लोग परेशान हैं. 24 घंटे में कई बार बिजली आती और जाती है. शहर के मधुबनी, खुश्कीबाग समेत कई मोहल्लों में ग्रामीण इस समस्या से दो-चार हो रहे हैं. जबकि प्रखंडों में पावर कट की समस्या काफी विकट हो गयी है. अधिकांश प्रखंडों में 24 घंटे में बमुश्किल पांच से छह घंटे बिजली रह रही है.
सूर्यदेवता के रौद्र रूप को देखते हुए लोग दोपहर होते-होते अपने-अपने काम निबटाकर घरों की ओर लौट गये. दोपहर के बाद आमतौर पर मोहल्ले-टोलों की सड़कें सूनी नजर आयीं. प्रमुख सड़कों पर भी यातायात का काफी कम दबाव देखने को मिला. शाम चार बजे तक सड़कों पर यही नजारा रहा. दोपहर में बाजारों में भी ग्राहकों की आवाजाही काफी घट गयी. शहर के प्रमुख बाजार भट्ठा बाजार में भी भीडभाड़ कम नजर आयी. अन्य बाजारों की भी कमोबेश यही स्थिति रही. व्यवसायियों ने बताया कि चिलचिलाती धूप और भीषण गरमी में ग्राहकों का बाजार नहीं आना लाजिमी है.
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