Bihar News: पूर्णिया में दो माह पहले एक युवक को कुत्ते ने काट लिया था. युवक ने इस घटना को नजरअंदाज कर इलाज नहीं कराया. असर ऐसा हुआ कि युवक अब वह पागल कुत्ते की तरह न केवल भौंकने लगा बल्कि लोगों को काटने की कोशिश करने लगा. परिजनों ने उसके दोनों हाथ और पैर गमछे से बांध कर उसे जीएमसीएच लाया जहां अस्पताल के चिकित्सक ने उसकी जांच के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया. मामला जिले के रुपौली का है.
पीड़ित युवक रुपौली निवासी उमेश राम का पुत्र पंकज राम है. कुत्ते की तरह उसे भौंकते और काटते देख अस्पताल में लोगों की भीड़ लग गयी. रोगी युवक के चाचा गोपलेश्वर राम ने बताया कि दो महीने पूर्व उसके भतीजा को एक कुत्ते ने काट लिया था. इसके बाद उसका झाड़-फूंक करवाया गया था.
मंगलवार को अचानक उसके शरीर में खिंचाव होने लगा और वह हवा बहने और पानी से डरने लगा. इसके बाद पागल कुत्ते की तरह जोर-जोर से भौंकने लगा और लोगों को काटने की भी कोशिश करने लगा. ऐसी स्थिति में उसे अस्पताल लाया गया, जहां एक इंजेक्शन देकर पटना जाने को कहा गया. उन्होंने बताया कि उसके भतीजे की 10 माह पूर्व शादी हुई है.
ऐसी प्रवृत्ति को हाइड्रोफोबिया कहते हैं चिकित्सक
डॉ. ए अहद ने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद युवक को समय पर वैक्सीन नहीं दिया गया. अब उसकी हालत गंभीर बन गयी है. युवक की ऐसी प्रवृत्ति को हाइड्रोफोबिया कहते हैं, जिसका इलाज संभव नहीं है. कुत्ते के काटने के 10 दिन बाद या फिर 10 वर्ष बाद भी असर होने पर ऐसी स्थिति बन जाती है.
आवारा कुत्ते के काटने पर कम से कम 10 दिन तक उसे बांध कर आब्जर्वेशन में रखा जाता है. अगर कुत्ते की मौत हो जाती है तो निश्चित रूप से वैक्सीन की पूरी डोज ले लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा कुत्ता जो जंगल में रह कर सड़ा गला मांस खाता है, वह इन्फेक्टेड हो जाता है. ऐसे कुत्ते के काट लेने पर इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है. इसके बचाव में समय पर वैक्सीन लेना चाहिए, यही बचाव है.
Posted By: Thakur Shaktilochan