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बिहार में उच्च शिक्षा को नया आयाम दे रहा पूर्णिया विश्वविद्यालय : राज्यपाल

पूर्णिया: मंगलवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय में ग्लोबल कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा को नया आयाम देने की पहल पूर्णिया विश्वविद्यालय कर रहा है. राज्य में सृजित तीन नये विश्वविद्यालय से जो उम्मीद है उसपर पूर्णिया विवि अग्रसर दिखाई पड़ रहा है. नये विश्वविद्यालयों […]

पूर्णिया: मंगलवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय में ग्लोबल कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा को नया आयाम देने की पहल पूर्णिया विश्वविद्यालय कर रहा है. राज्य में सृजित तीन नये विश्वविद्यालय से जो उम्मीद है उसपर पूर्णिया विवि अग्रसर दिखाई पड़ रहा है. नये विश्वविद्यालयों को यह खास अवसर है कि वे शिक्षा को संपूर्ण बनाते हुए शोध, मेधा का विकास और रोजगार को सम्मिलित करें. इस दिशा में पूर्णिया विवि की ओर से की जा रही कवायद सराहनीय है.

इससे पहले कुलपति प्रो़ राजेश सिंह ने राज्यपाल को स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया. इस मौके पर राज्यपाल के सलाहकार प्रो. आरसी सोबती, राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, नेपाल के पूर्वांचल विवि के कुलपति घनश्याम लाल दास समेत कई विद्वान मौजूद थे. प्रतिकुलपति प्रो. राजनाथ यादव ने स्वागत संबोधन किया. जबकि, डीन छात्र कल्याण प्रो. पवन कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

तीन अध्ययन पीठ का राज्यपाल ने किया उद्घाटन
राज्यपाल लालजी टंडन ने पूर्णिया विश्वविद्यालय में तीन अध्ययन पीठ का उद्घाटन किया. इन अध्ययन पीठ में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, आंचलिक कथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु और पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर शिक्षा एवं शोध का बढ़ावा दिया जायेगा. इसके अलावे राज्यपाल ने आंत्रप्रेन्योर सेल, वर्चुअल क्लास और छात्रावास का भी लोकार्पण किया.

पौधरोपण और सौर ऊर्जा के उपयोग को सभी विवि करें अमल

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों से ज्ञान का मार्ग प्रशस्त होता है. इसलिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विश्वविद्यालयों की ओर से मिसाल कायम की जा सकती है. इसके लिए सभी विश्वविद्यालय अपने परिसर में अधिक से अधिक पौधे लगाएं. जबकि सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए भी राज्यपाल ने आह्वान किया. राज्यपाल ने कहा कि अगर विश्वविद्यालयों में सौर ऊर्जा का उपयोग होगा तो बिजली की खपत को लेकर आम-अवाम में ठोस संदेश जायेगा.

अवांछित तत्वों पर सख्ती दिखाएं सभी कुलपति
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक माहौल कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि अवांछित और अराजक तत्वों से सख्ती से निबटा जाये. उन्होंने कहा कि सभी कुलपति इस मामले में किसी प्रकार का दबाव महसूस नहीं करें और ऐसे तत्वों पर तत्काल प्रभाव से यथोचित कार्रवाई की जाये. हमारा मकसद हर हाल में बिहार की उच्च शिक्षा का खोया गौरव लौटाना है.

जैविक खेती अपनाएं किसान : राज्यपाल
पूर्णिया. मंगलवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय में क्रॉप साइंस और बायोटेक्नोलॉजी पर ग्लोबल कांग्रेस के मुख्य सत्र का राज्यपाल लालजी टंडन ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि बाजार के चक्कर में हमने पारंपरिक खेती बंद कर दी. रासायनिक खाद और कीटनाशक का बेतहाशा प्रयोग करने लगे. नतीजा यह है कि आज हमारे खेतों में जहर फैल गया है. उर्वरा शक्ति क्षीण हो गयी. उपज की लागत का बड़ा हिस्सा उर्वरक और कीटनाशक पर खर्च होता है. किसान हताश हैं और अन्न खाने वाले रोगों के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब भी वक्त है. हम अपने पूर्वजों का स्मरण कर परंपरा की और लौटें. जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाएं. यह जीरो बजट की खेती है.

उन्होंने कहा कि आमतौर पर किसान पशुपालक भी होते हैं. इसलिए वे बेहतर जानते हैं कि गौमूत्र जहां कीटनाशक का काम करता है तो वहीं गोबर खाद सबसे बढ़िया उर्वरक है. बस अब इनका खेतों में उपयोग करने की जरूरत है ताकि मिट्टी के साथ-साथ मानव शरीर की सेहत भी लौट जाये. उन्होंने हिमाचल का उदाहरण देते हुए कहा कि सिर्फ एक प्रेरक की बदौलत आज पूरे हिमाचल में खेती का स्वरूप जैविक हो गया है. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान को चलाने की जरूरत है. इसके लिए सबसे विवि परिसर में वर्षा जल के संरक्षण की प्रणाली विकसित की जाये.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो राजेश सिंह ने की. मंच संचालन प्रो सजल प्रसाद व डॉ. निरूपमा राय कर रहे थे. धन्यवाद ज्ञापन डीएसडब्लू प्रो पवन कुमार झा ने किया. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. मधुसूदन प्रसाद, मेयर सविता देवी, पूर्व प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, प्राचार्य डॉ. मिथिलेश मिश्रा, प्राचार्या डॉ. रीता सिन्हा, डॉ. गौरीकांत झा, प्राचार्य आशुतोष ठाकुर, प्राचार्य मो. रउफ, प्राचार्य प्रो गिरीश सिंह, डॉ. चंद्रकांत यादव, डॉ. पटवारी यादव, डॉ. बी एन पांडे, डॉ. टी एन झा, डॉ शब्बीर हुसैन, प्रो भरत सिंह, कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पारसनाथ, समाजसेवी विजय श्रीवास्तव, प्रो नवनीत कुमार, प्रो डीके झा, प्रो जेपीएन विकर्तन समेत कई विद्वान व डेलीगेट्स मौजूद थे.

जीन बदलने की बजाय दिशा में लाएं बदलाव: प्रो सोबती
राज्यपाल के सलाहकार और जीनोम विशेषज्ञ प्रो आर सी सोबती ने कहा कि हमारे भोजन में मिलावट है. फल-फूल के रंग में मिलावट है. इससे बचने के लिए हमें जीन में बदलाव करने की बजाया प्रक्रिया की दिशा में बदलाव की जरूरत है. इसे हम तभी समझ पाएंगे जब हम ग्लोबलाइजेशन के महत्व को समझते हुए ज्ञान और समझ का आदान-प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि क्रॉप साइंस के विकास में पूर्णिया विवि की ओर से आयोजित ग्लोबल कांग्रेस मील का पत्थर साबित होगा. शिक्षण संस्थानों की बदौलत ही अब हम शोध को मुकाम दे सकते हैं और कृषि की चुनौतियों को कम कर सकते हैं. अपने उत्पाद व उपज को शुद्ध कर सकते है.

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