बिहार के 30 हजार भिखारी वैक्सीनेशन के इंतजार में, कई को टीका की जानकारी ही नहीं

कोरोना महामारी में आम से लेकर खास कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. सरकार ने बड़े पैमाने पर शहर से लेकर गांवों तक टीकाकरण अभि‍यान चला रखा है. लेकिन समाज का एक ऐसा भी वर्ग है, जो सड़के के किनारे, मंदिर और मस्‍जि‍द के बाहर, स्‍टेशन या फुटपाथ पर जीवन बसर करता है.

By Prabhat Khabar | May 18, 2021 10:11 AM

पटना. कोरोना महामारी में आम से लेकर खास कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. सरकार ने बड़े पैमाने पर शहर से लेकर गांवों तक टीकाकरण अभि‍यान चला रखा है. लेकिन समाज का एक ऐसा भी वर्ग है, जो सड़के के किनारे, मंदिर और मस्‍जि‍द के बाहर, स्‍टेशन या फुटपाथ पर जीवन बसर करता है.

बोलचाल की भाषा में इन्हें भिखारी कहते हैं. अभी तक इन लोगों को न तो सरकार और न ही स्‍वयंसेवी संगठन ने टीका दिलाने की कोई पहल की है. 2011 की जनगणना रिपोर्ट अनुसार देश में कुल 3.72 लाख भिखारी हैं.

वहीं, बिहार में 29,723 भिखारी हैं. अगर 2021 की बात करें, तो भिखारियों की संख्‍या 39 हजार से अधिक होगी. पटना जंक्‍शन गोलंबर के पास बैठे वीरेंद्र और राधा ने बताया कि उन्हें कोरोना टीका के के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

बिना फोटो पहचान पत्र के भी लगेगा टीका

केंद्र सरकार ने फोटो पहचान पत्र के बिना टीकाकरण के लिए लोगों के कई समूहों की पहचान की है. ऐसे समूहों में खानाबदोश (विभिन्न धर्मों के साधु/संत सहित), वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले लोग शामिल हैं. ऐसे सभी लोगों को टीका लगाया जायेगा, जिनके पास निर्धारित फोटो पहचान पत्र नहीं है.

Posted by Ashish Jha

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