कैंपस : एमएमसी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया भाग

मगध महिला कॉलेज की ओर से पटना लॉ कॉलेज के सहयोग से आयोजित ‘बौद्धिक संपदा अधिकार : अवसर और चुनौतियां’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का गुरुवार को समापन हो गया.

By Prabhat Khabar Print | May 16, 2024 8:01 PM

– फोटो है संवाददाता,पटना मगध महिला कॉलेज की ओर से पटना लॉ कॉलेज के सहयोग से आयोजित ‘बौद्धिक संपदा अधिकार : अवसर और चुनौतियां’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का गुरुवार को समापन हो गया. इसके दूसरे दिन कुल मिलाकर छह प्रतिष्ठित वक्ताओं ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया. तीसरे तकनीकी सत्र में झारखंड के प्रो तपन कुमार शांडिल्य, विजय प्रकाश आइएएस (सेवानिवृत्त), मोतिहारी के डॉ नरेंद्र कुमार, डीयू से डॉ शैवाल सत्यार्थी ने अपने विचारों का रखा. वक्ताओं ने प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकारों के वैचारिक ढांचे से परिचित कराया और आइपी अधिकारों के संबंध में जागरूकता अभियान की आवश्यकता का उल्लेख किया. उन्होंने आइपीआर के नीति निर्माण में कॉर्पोरेट की प्रभावशाली भूमिका के बारे में जानकारी दी. वक्ताओं ने अपने व्याख्यान में, उन्होंने आइपीआर के संबंध में शिक्षकों के सामने आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला और नीति मसौदा तैयार करने और पेटेंट के लिए शिक्षकों को सहायता प्रदान करने में विश्वविद्यालयों की भूमिका का सुझाव दिया. कॉलेज की प्राचार्या प्रो नमिता कुमारी ने अपने कॉलेज में छात्रों के लिए नवाचार संबंधी सलाह और प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और छात्रों को आसपास से ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया. चौथे तकनीकी सत्र में डॉ प्रीतम बालकृष्णन तमिलनाडु नेशनल लॉ स्कूल, त्रिची भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दों और चिंताओं के बारे में बात की. अपने व्याख्यान में उन्होंने एआइ द्वारा निर्मित अविष्कारों, खोजों और साहित्यिक संसाधनों पर आइपीआर पर लागू नीति ढांचे के लिए भविष्य में आने वाली समस्याओं के बारे में बात की. सत्र की अध्यक्षता डॉ सलीम जावेद और सह-अध्यक्षता डॉ शिप्रा प्रभा ने की. सत्रों के बीच 50 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मौखिक और पोस्टर प्रस्तुति के माध्यम से अपने विचारों को साझा किया.

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