बिहार के इस यूनिवर्सिटी को परीक्षा से डिग्री तक का जिम्मा पर मदरसों पर प्रशासकीय अधिकार नहीं

मदरसों में चलने वाले आलिम (यूजी) व फाजिल (पीजी) कोर्स की परीक्षाएं मौलाना मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय लेती है, लेकिन इनमें पढ़ाई की व्यवस्था का जिम्मा विवि के पास नहीं है.

By Prabhat Khabar | March 1, 2021 10:20 AM

पटना. मदरसों में चलने वाले आलिम (यूजी) व फाजिल (पीजी) कोर्स की परीक्षाएं मौलाना मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय लेती है, लेकिन इनमें पढ़ाई की व्यवस्था का जिम्मा विवि के पास नहीं है.

बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के द्वारा ही सभी मदरसों का नियंत्रण किया जाता है. लेकिन, आलिम व फाजिल चूंकि उच्च स्तरीय शिक्षा में आते हैं. इसलिए उनकी पढ़ाई का स्तर भी उसी तरह का होना चाहिए.

यही वजह है कि दोनों कोर्स का मदरसों में संचालन के जिम्मेवारी की मांग विवि प्रशासन ने की है. इसके आलिम व फाजिल स्तर के मदरसों का प्रशासकीय अधिकार विश्वविद्यालय को हस्तांतरित करने के लिए विवि ने उच्च शिक्षा निदेशक, शिक्षा विभाग के समक्ष प्रस्ताव रखा है. विवि का पक्ष है कि जो डिग्री वे दे रहे हैं, वह यूजीसी के द्वारा तभी मान्य होगी जब विवि के आलिम-फाजिल स्तर के मदरसों का प्रशासकीय अधिकार विवि के पास होगा.

आलिम व फाजिल पाठ्यक्रम में गुणात्मक विकास प्रभावित

पत्र के मुताबिक मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी यूनिवर्सिटी की स्थापना के मूल उद्देश्य के अनुरूप सभी विषयों के अलावा अरबी और फारसी भाषा के विकास के लिए आलिम-फाजिल स्तर की परीक्षाओं का आयोजन और परीक्षाफल के प्रकाशन की जिम्मेदारी विवि को दी गयी है. लेकिन, इन मदरसों का प्रशासकीय अधिकार पूर्व की भांति बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के पास ही है.

इसके हस्तांतरण के लिए कई बार पत्राचार विवि के द्वारा किया गया है, लेकिन अभी तक इसका हस्तांतरण नहीं हो पाया है. परिणाम स्वरूप इन मदरसों को विवि अनुदान आयोग के अनुरूप विकसित करने में विवि असफल है ए‌वं आलिम व फाजिल पाठ्यक्रम में गुणात्मक विकास प्रभावित है. इस संबंध में एक बार फिर पत्र लिखा गया है.

जरूरी है अधिकार

मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार ने कहा कि छात्र यह शिकायत करते हैं कि उनकी पढ़ाई उस स्तर पर नहीं हुई, लेकिन परीक्षा उच्च स्तर पर ली गयी. अगर प्रशासकीय अधिकार विवि के पास होगा तो जो पढ़ाया जायेगा, परीक्षा भी उसी अनुसार होगी.

आलिम व फाजिल की यूजीसी के द्वारा मान्यता तभी रहेगी, जब उनकी पढ़ाई भी यूजीसी के मापदंडों के अनुरूप होगी. इसके लिए आलिम व फाजिल स्तर के मदरसों को यूजीसी के मापदंडों के अनुसार विकसित करना होगा और यह तभी संभव है जब प्रशासकीय अधिकार विवि के पास होगा.

Posted by Ashish Jha

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