बिहार सरकार की नौकरियों में जूनियर इंजीनियर के पदों पर होने वाली बहालियों में प्रदेश के संस्थानों से पासआउट छात्रों के लिए 40% सीटें आरक्षित रहेंगी. शेष 60% पदों पर बिहार और बिहार के बाहर के संस्थानों से पढ़े युवाओं को मौका मिल पायेगा. राज्य सरकार ने अवर अभियंता भर्ती नियमावली तैयार कर ली है और इसे सामान्य प्रशासन विभाग ने अपलोड कर दिया है. इसके तहत सभी कोटि में आरक्षण का निर्धारण इसी फार्मूले के तहत किया जायेगा.
महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का भी प्रावधान
अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित पदों के कुल 40% पदों पर बिहार स्थित संस्थानों के छात्रों को ही अवसर मिल पायेगा. इसी में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का भी प्रावधान होगा. बाकी 60% पदों पर राज्य के और राज्य के बाहर के संस्थानों के पढ़े छात्रों को अवसर मिलेगा. यह प्रक्रिया आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, पिछड़ी जाति, इबीसी, पिछड़ी जाति की महिला एवं अय आरक्षित वर्गों के लिए सीटें आरक्षित की जायेंगी.
ग्राम पंचायत व कचहरी में 9029 पदों पर होगी नियुक्ति
साथ ही अगले पंद्रह दिनों में ग्राम पंचायत, कचहरी, पंचायत समिति और जिला परिषदों में विभिन्न संवर्गों के खाली 9029 पदों पर भर्ती शुरू हो जायेगी. नियुक्ति की प्रक्रिया दो माह में पूरी कर ली जायेगी. जिन पदों पर नियुक्ति की जानी है, उसमें 7017 पदों पर लेखापाल सह आइटी सहायक, 326 कार्यपालक सहायक सह डाटा इंट्री ऑपरेटर और ग्राम कचहरी में 1420 ग्राम कचहरी सचिव के पद शामिल हैं. इसके साथ ही प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के 266 पदों पर भी नियुक्ति की जायेगी. सभी नियुक्तियां संविदा पर की जायेगी. यह जानकारी पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बुधवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर दी है.
जिलाधिकारियों को दिया गया निर्देश
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि हर ग्राम पंचायत में एक-एक लेखापाल सह आइटी सहायक, हर पंचायत समिति के लिए एक-एक लेखापाल सह आइटी सहायक और हर जिला परिषद में दो-दो लेखापाल सह आइटी सहायक की नियुक्ति होगी. ग्राम पंचायतों में 326 कार्यपालक सहायक सह डाटा इंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति बेल्ट्रान से होगी. सामान्य प्रसाशन विभाग की अनुमति के बाद सभी 266 प्रखंडों में सेवानिवृत प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों की संविदा पर नियुक्ति होगी. राज्य की 1420 ग्राम कचहरियों में रिक्त पदों पर नियुक्ति का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया गया है. नगरपालिका क्षेत्र में शामिल होने के बाद जिन ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है, वहां के ग्राम कचहरी के सचिवों का नियोजन भी समाप्त मान लिया गया है. ऐसे ग्राम कचहरी के सचिवों को नयी नियुक्ति में कार्यानुभव के आधार पर नियोजन में वेटेज मिलेगा.