पर्यावरण सुधार के कदम उठे तो बदलने लगी तस्वीर

राज्य में पर्यावरण में सुधार को लेकर बिहार सरकार ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत कदम उठाये तो अब तस्वीर बदलने लगी है. ग्राउंड वाटर लेवल में सुधार होने लगा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 5, 2020 5:53 AM

कृष्ण, पटना : राज्य में पर्यावरण में सुधार को लेकर बिहार सरकार ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत कदम उठाये तो अब तस्वीर बदलने लगी है. ग्राउंड वाटर लेवल में सुधार होने लगा है. पीएचइडी के अनुसार 30 मई, 2019 और 30 मई, 2020 के बीच दौरान 23 जिलों में ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ा है. इनमें कैमूर जिले में करीब 11 फुट चार इंच, गया जिले में 10 फुट 11 इंच और जहानाबाद जिले में नौ फुट सात इंच तक ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ा है. इन सभी जगहों में पहले ग्राउंड वाटर लेवल घट रहा था.

जल संरक्षण की योजनाओं पर काम : राज्य में जल संरक्षण और लघु सिंचाई की करीब 1783 परियोजनाओं पर करीब 1300 करोड़ रुपये से निर्माण और मरम्मत का काम चल रहा है. इनको 15 जून तक पूरा करने का लक्ष्य है. इनमें एक एकड़ से बड़े करीब 1120 तालाब, 603 आहर-पइन और 60 बीयर शामिल हैं. इन सभी में इस माॅनसून की बारिश से जल संचय किया जायेगा. इस पानी से फसलों की सिंचाई और ग्राउंड वाटर को बढ़ाने में मदद मिल सकेगी.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा पर काम : इसके अलावा 3688 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के करीब 7940 यूनिट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा की व्यवस्था की जा रही है. पर्यावरण के अनुकूल इ-रिक्शा और सीएनजी चालित वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. किसानों को पुआल जलाने से रोकने के लिए पुआल प्रबंधन कृषि यंत्रों पर 75 से 80% तक अनुदान का प्रावधान किया गया है.

राज्य सरकार के 15 विभाग शामिल : जल-जीवन-हरियाली अभियान से राज्य सरकार के 15 विभाग जुड़े हैं. इनमें ग्रामीण विकास, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, राजस्व व भूमि सुधार, लघु जल संसाधन, नगर विकास, पीएचइडी, कृषि, भवन, जल संसाधन, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज, ऊर्जा सहित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग शामिल है. जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 2019-20 में 5870 करोड़, 2012-21 में 9874 करोड़ और 2021-22 में 8780 करोड़ खर्च करने की योजना है.

पौधारोपण के फायदे

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि एक पेड़ साल में करीब 20 किलो धूल सोखता है. करीब 700 किलो ऑक्सीजन छोड़ता है तो 20 हजार किलो कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है. गर्मियों में एक पेड़ के पास सामान्य से लगभग चार डिग्री कम तापमान रहता है. इस तरह घर के पास 10 पेड़ लगे हों तो सामान्य आदमी की उम्र सात साल तक बढ़ सकती है.

चौरों को विकसित करने की जरूरत

वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के उपनिदेशक डॉ समीर कुमार सिन्हा ने राज्य सरकार के जल-जीवन-हरियाली अभियान को उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि राज्य में मौजूद चौरों को भी विकसित करने की जरूरत है. इससे जैव विविधता बढ़ेगी और लोगों को अाजीविका मिलेगी.

मधुमक्खियों की संख्या हो रही कम

पर्यावरणविद और तरुमित्र के नेशनल डायरेक्टर फादर रॉबर्ट एथिकल ने कहा कि मधुमक्खियों की संख्या तेजी से घट रही है. हमें ऐसे पौधे लगाने चाहिए, जिनको पेड़ बनने से पशु-पक्षी, इंसान और प्रकृति सभी को फायदा हो. जैव विविधता को बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विश्व पर्यावरण दिवस जैव विविधता पर केंद्रित है.

1.25 करोड़ पौधे लगे

सूत्रों का कहना है कि जल-जीवन-हरियाली अभियान से पौधारोपण के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. वर्ष 2019-20 में करीब 1.25 करोड़ पौधे लगाये गये. वहीं, नौ अगस्त को बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर करीब 2.51 करोड़ पौधे लगाने की योजना है. प्रदेश सरकार पहले से राज्य का हरित आवरण बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है. इसे 15 फीसदी से बढ़ाकर 2022 तक 17 फीसदी करने का लक्ष्य है. हालांकि, पर्यावरण संतुलन के लिए करीब 33% हरित आवरण आवश्यक है.

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