Snake: वन विभाग को मिला 30 करोड़ के सांप का जहर, फ्रांस से पहुंचाना था चीन, जानें कैसे पहुंचा बिहार

Snake venom: दार्जिलिंग से वन विभाग की टीम ने 2.5 किलो सांप के जहर के साथ एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक इस जहर को फ्रांस से बंग्लादेश मंगाया गया था और इस जहर को बिहार के किशनगंज जिले से नेपाल को भेजा जाना था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2022 5:54 PM

पटना: किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से वन विभाग की टीम ने 2.5 किलो सांप के जहर के साथ एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर को गिरफ्तार किया है. विदेशी बाजार में इस जहर की कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये बतायी जा रही है. जानकारी के मुताबिक इस जहर को फ्रांस से बांग्लादेश मंगाया गया था और इस जहर को बिहार के किशनगंज जिले से नेपाल को भेजा जाना था. लेकिन इसी बीच वन विभाग की टीम ने तस्करों के प्लान को बंगाल के दार्जिलिंग में विफल कर दिया.

किशनगंज के रास्ते तस्करी का था प्लान

जानकारी के मुताबिक वन विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर रविवार को एनएच-31 पर महानंदा नदी पुल पर सघन जांच अभियान चलाया. इसी दौरान बाइक सवार तस्कर को करोड़ों रुपये के सर्प विष के साथ पकड़ा गया. गिरफ्तार तस्कर की पहचान मोहम्मद सराफत के रूप में हुई है. सराफत की गिरफ्तारी घोषपुकुर रेंज के वनकर्मियों ने गुप्त सूचना के आधार पर घोषपुकुर इलाके से की है. बता दें कि वन विभाग को घोषपुकुर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर कांच के जार में ढाई किलो सांप का जहर भरकर तस्करी करने की सूचना मिली थी. इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर आरोपी मो. सराफत को धर दबोचा.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहर की कीमत 30 करोड़ रुपये

वन विभाग की टीम ने जब तस्कर से पूछताछ की तो आरोपी ने बताया कि उसने सांप के जहर को फ्रांस से बांग्लादेश मंगवाया था. जिसे वह बिहार के किशनगंज जिले से नेपाल लेकर जाने वाला था. नेपाल से इस जहर को चीन ले जाने की योजना थी. लेकिन वन विभाग ने इस तस्करी की योजना को बीच रास्ते में ही विफल कर दिया. इस तस्करी में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. जहर भरे जार पर फ्रांस का टैग लगा हुआ है.

तस्करी का सेफ जोन बनता जा रहा किशनगंज

बता दें कि किशनगंज के रास्ते बंगाल, बिहार और झारखंड तस्करी में की जाती है. इस तस्करी के खेल में किशनगंज के एंट्री माफियाओं की अहम भूमिका रहती है. किशनगंज जिला सीमावर्ती होने के कारण ये मार्ग काफी महत्वपूर्ण है. तस्कर इसी रास्ते से होते हुए अन्य राज्यों में प्रवेश कर डिलिवरी देते हैं. तस्कर के लाइनर पूरे सड़क पर चौकन्ने रहते हैं. जांच के दौरान कहीं पर फर्जी कागज से तो कहीं पर मोटी रकम देकर गाड़ी को पासिग कराते हैं, इतना ही नहीं गाड़ी अलग-अलग राज्य में प्रवेश करते ही नंबर प्लेट भी बदल दिए जाते हैं. इन सब खेलों में किशनगंज के एंट्री माफिया अहम भूमिका निभाते हैं. इनकी पैठ कई विभागों के साथ भी रहती है.

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