बिहार में जमीन की मापी के लिए अब ऑनलाइन कर सकेंगे आवेदन, जल्द शुरू होगा अलग पोर्टल

बिहार में जमीन की मापी से जुड़ी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो सके इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जल्द ही एक अलग वेबसाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. इस पोर्टल पर निर्धारित शुल्क जमा करने, अमीन की बुकिंग से लेकर मापी प्रमाण पत्र जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2023 4:48 PM

बिहार में जमीन की मापी से जुड़ी सारी प्रक्रिया अब ऑनलाइन पूरी की जा सकेगी. यानी निर्धारित शुल्क जमा करने, अमीन की बुकिंग से लेकर मापी प्रमाण पत्र जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जल्द ही इससे संबंधित एक अलग वेबसाइट लॉन्च करने की तैयारी में है. विभागीय स्तर पर इस वेबसाइट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस पोर्टल के लॉन्च होने आम लोगों को अपनी जमीन की मापी के लिए अंचल कार्यालय जाने की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी.

आवेदन के समय देना होगा जमीन का विवरण

वेबसाइट लॉन्च होने के बाद जमीन मापी के लिए आवेदन करना काफी आसान हो जाएगा. इसके लिए आपको वेबसाइट पर आवेदन करने के साथ ही जिस जमीन की मापी होनी है उसका विस्तृत विवरण दर्ज करना होगा. इस जानकारी को संबंधित कर्मचारी से सत्यापित कराने के बाद विभाग स्तर पर निर्धारित फीस भी ऑनलाइन जमा करानी होगी. इसके बाद सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमीन मापी के लिए ऑनलाइन अमीन का निर्धारण कर दिया जाएगा.

मापी के लिए मांगी जाएंगी 3 संभावित तिथियां

अमीन के निर्धारण के लिए आवेदक से मापी के लिए 3 संभावित तिथियां भी मांगी जाएंगी. जमीन मालिक के स्तर पर सहमति बनने के बाद अंतिम रूप से मापी के लिए तिथि तय की जायेगी. यदि भू-स्वामी स्तर से किसी संभावित तिथि पर सहमति नहीं बनती है तो विभाग स्तर पर ही तिथि तय की जायेगी. फिर इस तिथि को मापी होगी.

भूमि सर्वेक्षकों के लिए तत्काल बुकिंग की भी व्यवस्था

अब किसान या रैयत घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर अपनी जमीन की मापी करा सकेंगे. इसके अलावा भूमि सर्वेक्षकों के लिए तत्काल बुकिंग की भी व्यवस्था की गयी है. इसका शुल्क भी सामान्य मापी से अधिक रखा गया है. इस मापी के लिए अधिकतम 10 कार्य दिवस निर्धारित किये गये हैं.

Also Read: बिहार: घर का नक्शा पास कराना हुआ आठ गुना तक हुआ महंगा, जानें अब कितने रुपये होंगे खर्च?

मापी के लिए दर

जमीन मापी के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं. शहरी क्षेत्र यानी नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम के लिए 1000 रुपये प्रति खेसरा दर तय की गयी है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रति खेसरा मापी की दर 500 रुपये निर्धारित है. तत्काल पैमाने में इसका शुल्क सामान्य से दोगुना यानी शहरी क्षेत्रों के लिए 2000 रुपये प्रति प्लॉट और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 1000 रुपये प्रति प्लॉट रखा गया है.

प्रमाण पत्र भी मिलेगा ऑनलाइन

मापी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीओ डिजिटल हस्ताक्षर के साथ मापी रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करेंगे. संबंधित व्यक्ति इसे प्रमाण पत्र को वेबसाइट से डाउनलोड कर सकता है. इस वेबसाइट के लॉन्च होने से किसी भी व्यक्ति को जमीन मापी करवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. इसमें अंचल कार्यालय, अमीन व कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा.

Also Read: बिहार में लैंड कन्वर्जन पोर्टल शुरू, ऑनलाइन आवेदन कर कृषि भूमि को करा सकेंगे कमर्शियल, जानिए कैसे…

जमीन से जुड़े दस्तावेज मिलेंगे ऑनलाइन

इसके अल्वा विभाग द्वारा लोगों की सुविधा को देखते हुए जमीन से जुड़े कार्यों को संपादित करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है. वर्तमान में जमीन से जुड़े खतियान, दाखिल-खारिज जैसे 5 दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी ऑनलाइन प्राप्त की जा सकती है. वहीं, आने वाले समय में 26 तरह के राजस्व दस्तावेजों को डिजिटल मुहैया कराने की योजना है.

Next Article

Exit mobile version