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रेणु के घर से मैला आंचल, परती परिकथा, ठुमरी, कागज की नाव की दुर्लभ पांडुलिपियां गायब, FIR दर्ज

एक ओर जहां प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की जन्मशती मनायी जा रही है, दूसरी ओर पटना के उनके राजेंद्रनगर आवास को चोरों ने खंगाल दिया.

पटना : एक ओर जहां प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की जन्मशती मनायी जा रही है, दूसरी ओर पटना के उनके राजेंद्रनगर आवास को चोरों ने खंगाल दिया. चोर उनकी प्रसिद्ध रचनाओं की मूल पांडुलिपि भी लेते गये. इसमें मैला आंचल, परती परिकथा, ठुमरी, कागज की नाव की हस्तलिखित पुस्तकें, उनकी लिखित कई दुलर्भ चिट्ठियां, उनके अंगवस्त्र शामिल हैं. इसके अलावा मकान में रखे पीतल के कुछ बतर्न, थाली, ग्लास, कूकर, हैंडपंप समेत अन्य सामान भी चोर अपने साथ ले गये. ये सभी सामान रेणु के जीवन की स्मृतियों से जुड़े हैं. रेणु के उपन्यास पर ही मशहूर फिल्म ‘तीसरी कसम’ बनी थी.

दरवाजे की कुंडी को काटकर चोर घर में घुसे

पटना के राजेंद्र नगर स्थित वैशाली गोलंबर के पास ब्लॉक नंबर-2 फ्लेट नंबर-30 में दरवाजे की कुंडी को काटकर चोर घर में घुस गये. इसके बाद मकान में मौजूद आलमारी का ताला तोड़ दिया. घटना की जानकारी बुधवार की सुबह हुई, इसके बाद रेणु की बेटी ने कदमकुआं थाने की पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंचे पुलिस पदाधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया. रेणु के नाती (बेटी का बेटा) प्रशांत कुमार सिन्हा ने कदमकुआं थाने में केस दर्ज कराया.

रेणु के बेटे पूर्व विधायक के विधानसभा से जुड़े कागजात भी ले गये चोर

रेणु के बड़े बेटे पद्म पराग राय की भी महत्वपूर्ण फाइलें चोर ले गये, जिनमें अररिया जिले के फारबिसगंज विधानसभा क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण कागजात शामिल हैं. मकान से दूसरे सामान की चोरी नहीं हुई है, लेकिन रेणु की यादों से जुड़े सामान चोरों ने गायब कर दिया. इस मकान में रहकर रेणु जी ने कई पुस्तकों का लेखन किया था. पद्म पराग विधायक रह चुके हैं.

मकान की देखभाल के लिए रेणु के छोटे बेटे का साला रहता है

1960 के दशक में रेणु इस मकान में रहे थे. लेकिन अब यह मकान जर्जर हो गया है. देखभाल के लिए रेणु के छोटे बेटे दक्षिणेश्वर प्रसाद राय के साला गौरव कुमार इस मकान में रहते हैं. लेकिन एक सप्ताह से वह भी गांव गये थे. मकान में ताला बंद था. रेणु की बेटी ने बताया कि उनका परिवार दरियापुर गोला में रहता है. भाई लोग पटना आते हैं, तो उसी मकान में रहते हैं.

अफसोसजनक घटना: प्रेम कुमार मणि

साहित्यकार प्रेम कुमार मणि ने चोरी की इस घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर, चेखव या टॉल्स्टाय की रचनाओं व उसकी पांडुलिपि के साथ ऐसा होता, तो समाज उठ खड़ा होता. उन्होंने कहा कि रेणु का साहित्य समय से आगे का साहित्य है.

posted by ashish jha

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