29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बिहार में एक साल के अंदर तीन बार बढ़ी दवाओं की कीमत, जीवनरक्षक दवाओं के दाम 20 फीसदी तक बढ़े

आम लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है. एक साल में दो बार दवाइयों की कीमत में इजाफा हो चुका है. फिर से नये एमआरपी के साथ दवाओं की कीमत बढ़ गयी है. ऐसे में एक साल में तीन बार दवाओं के रेट बढ़ा दिये गये.

आनंद तिवारी, पटना. आम लोगों पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है. एक साल में दो बार दवाइयों की कीमत में इजाफा हो चुका है. फिर से नये एमआरपी के साथ दवाओं की कीमत बढ़ गयी है. ऐसे में एक साल में तीन बार दवाओं के रेट बढ़ा दिये गये. जीवनरक्षक दवाओं की कीमतों में करीब 20 फीसदी यानी 18 रुपये से 22 रुपये प्रति पत्तेतक की बढ़ोतरी हुई है. महंगाई की मार सबसे ज्यादा बीपी, शूगर, एलर्जी, गठिया आदि मर्ज के इलाज में काम आने वाली दवाओं पर पड़ी है. इनकी कीमत 10 से लेकर 20% तक बढ़ी है. पेन किलर के दाम 30 रुपये तक बढ़ गये हैं. इसमें लंबे समय तक चलने वाली दवाएं शामिल हैं.

पाउडर दूध ~30 तक महंगा

बहुत-सी बीमारियों में मरीज को लंबे समय या ताउम्र दवाएं खानी पड़ती हैं. इसमें ब्लड प्रेशर, शूगर समेत दूसरी बीमारी से पीड़ित शामिल हैं. इनके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं छह माह के दौरान 15 से 22 रुपये तक बढ़ी हैं. नवजात का दूध भी दो से तीन सप्ताह के दौरान 20 से 30 रुपये पाउडर दूध की कीमतों में इजाफा हुआ है. 400 ग्राम के पाउडर दूध का का डिब्बा 365 रुपये में मिल रहा था. जो अब 395 रुपये हो गया है.

क्या है कारण

दवा कंपनियां मूल्य बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह रॉ मैटेरियल की सप्लाइ न मिलना बता रही हैं. कंपनियों का दावा है कि चीन से सीधे आने वाला कच्चा माल सीमा विवाद के कारण अब दूसरे देशों के जरिये आ रहा है. इससे कच्चे माल की कीमतों में 40% तक इजाफा हुआ है. कोविड की वजह से भी माल आने में परेशानी हो रही है. इसके अलावा देश में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी कीमत बढ़ी है.

इन दवाओं की कीमतें बढ़ी

बीमारी दवा नया पुराना

  • ब्लड प्रेशर ओल्सार 201 183

  • ब्लड प्रेशर टेल्मीसार्टन 239 217

  • दर्द काइमरोल फोर्ट 423 405

  • एलर्जी मान्टेयर एलसी 305 278

  • गठिया इंडोकैप एसआर 125 115

  • शूगर बलिस्टो 1 एमएफ 100 83

  • गठिया रूमालिया फोर्ट 165 150

एनपीपीए निर्धारित करती है दाम

थोक दवा व्यापारियों का कहना है कि यह वृद्धि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर से ही हुई है. जरूरी दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी का निर्णय अब नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइस कंट्रोल ऑथोरिटी (एनपीपीए) द्वारा की गयी है. पिछले एक साल में दवाओं की कीमत में तीन बार इजाफा हो चुका है.

ट्रांसपोर्ट किराया बढ़ने से बढ़े दाम

ट्रांसपोर्ट किराया लगातार बढ़ रहा है. इसका असर दवाओं की कीमतों पर पड़ रहा है. दवाओं के निर्माण में उपयोग होने वाले कच्चे माल का भी संकट चल रहा है. इसका असर भी दवाओं की कीमतों पर पड़ रहा है. हालांकि बाजार में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.

-संतोष कुमार, संयोजक, पटना रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें