शुभम कुमार, पटना. आंखों के सामने घर टूटा, खून-पसीने की कमाई से बनाये गये आशियानों पर जब बुलडोजर चल रहा था, तो तील-तील कर मर रहे थे और मरता क्या न करता. सबने हमारा विरोध देखा...पर कोर्ट ने हमलोगों का दर्द देखा और गुरुवार को हम सभी को न्याय मिली ही गया. गुरुवार को प्रभात खबर के संवाददाता ने नेपाली नगर के मधुबनपुरी के कई लोगों से बात की. सभी ने कहा कि एक वक्त था, जब पुलिस और जिला प्रशासन पूरे दल-बल के साथ रात-दिन एक कर हमारे आशियाना को तोड़ दिया और आज वह दिन है, जब न्यायपालिका ने जिंदगी लौटा दी. कोर्ट के फैसले के बाद लोगों ने फैसला देने वाले जज साहेब को धन्यवाद किया.
लोगों ने क्या कहा...
अचानक से काफी संख्या में पुलिसकर्मी और अधिकारी बड़े-बड़े बुल्डोजर लेकर आये और घर तुरंत खाली करने को कहा. आंखों के सामने घर टूटता देख लगा कि मैं मर जाऊं...पर कोर्ट के फैसले ने फिर से जीने का सहारा दे दिया. मैं बहुत खुश हूं भइया...आज उत्सव का दिन है. - रंजू केशरी, नेपाली नगर, मधुबनीपुरी
कोर्ट ने हमलोगों की पीड़ा को गहरायी से देखा है और इसके बाद फैसला सुनाया है. कोर्ट के फैसले के बाद पूरे परिवार में जश्न का माहौल है. आज लग रहा है कि हमलोगों के साथ न्याय हुआ. हमलोगों ने बगैर बिजली, पानी और घर का दिन देखा है. - रंजू कुमारी, नेपाली नगर, गांधी नगर
भरोसा था और कोर्ट ने पीड़ित परिवारों का भरोसा को टूटने नहीं दिया. फैसले ने एक नया जीवनदान दिया है. सच में सभी के लिए उत्सव का क्षण है. बहुत खुशी है. - अनुपम सिंह राजपूत, नेपाली नगर, मधुबनीपुरी
जब घर टूटा तो मैंने इसकी जानकारी अपने लेफ्टीनेंट बेटे को भी नहीं बतायी. वह पूछता था सब ठीक है न और मैं टूटे घर के सामने बाहर बैठ बस सोंचता था कि बेटा आयेगा तो क्या कहेगा. 31 मई को बेटा आ रहा है और इसी बीच कोर्ट का फैसला आया. - राधा कृष्ण सिंह, रिटायर्ड आर्मी जवान, नेपाली नगर
आज तो जश्न का दिन है. कोर्ट के फैसले ने हजारों परिवार को जीवन दिया है और इस पर उत्सव तो बनता है. घर टूटने के बाद तकलीफों में रहकर बस कोर्ट पर ही भरोसा था और कोर्ट ने भरोसा नहीं तोड़ा. - निर्मला देवी, गांधी नगर, नेपाली नगर
ठेला और दायी का काम कर कमाये पैसे से जमीन खरीदा. इसके बाद उस पर घर बनाया ताकि मेरी दो बेटियां और एक छोटा बेटे के साथ जीवन गुजार सकूं. लेकिन अचानक से घर पर चले बुल्डोजर ने जिंदगी तबाह कर के रख दिया. फैसला आने के बाद पति-पत्नी खूब रोये और कहा इंतजार का फल मिल गया. - महेंद्र राय, ठेला चालक, नेपाली नगर
पटना उच्च न्यायालय द्वारा नेपाली नगर/राजीवनगर क्षेत्र के के मामले पर सुनाये गये फैसले का स्वागत करता है. जिन लोगों के मकानों को गैर कानूनी तरीके से तोड़ा गया है उन्हें जल्द से जल्द 5-5 लाख रुपये मुआवजा दे. इसमें संलिप्त अधिकारियों और जिम्मेवार पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध उचित कार्रवाई हो. - अशोक कुमार, मीडिया प्रभारी, दीघा कृषि भूमि आवास बचाओ संघर्ष समिति