पटना. जीएसटी चोरी के लिहाज से फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने वालों की शामत आने वाली है. केंद्रीय और राज्य माल एवं सेवा कर के अधिकारियों की टीम फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पता लगाने और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) के दावे कर अनुचित फायदा उठाने वाले धोखेबाजों की शिनाख्त के लिए दो महीने तक एक खास अभियान चलायेगी. यह अभियान 16 मई से शुरू होगा और 15 जुलाई तक से चलेगा. इसके लिये वाणिज्य कर विभगा एक विशेष सेल एक नोडल अधिकारी के नेतृत्व में गठित किया गया है.
राजस्व का होता है नुकसान
दरअसल जीएसटी के प्लेटफॉर्म पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसी आधार पर धोखेबाज फर्जी बिल के सहारे आइटीसी के दावे करते हैं और किसी भी तरह की सेवा या उत्पाद की आपूर्ति के बगैर ही वह राशि अपने खाते में जमा करा लेते हैं. जिस कारण से सरकार को हजारों करोड़ की राजस्व हानि होती है.
देश में करीब 1.39 करोड़ कारोबारी जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड, बिहार में भी 5 लाख से अधिक
फिलहाल देश भर में जीएसटी प्रणाली के तहत 1.39 करोड़ कारोबारी रजिस्टर्ड हैं. बिहार में इनकी संख्या करीब 5 लाख से अधिक है. इनमें से फर्जी रजिस्ट्रेशंस की पहचान के लिए जीएसटीएन पर विस्तृत आंकड़ा विश्लेषपण और जोखिम मानकों का सहारा लिया जाएगा. फर्जी रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिलने के बाद संदिग्ध जीएसटी पहचान नंबर के सत्यापन के लिए तय अवधि में कदम उठाया जाएगा.अगर सत्यापन के दौरान संबंधित कारोबारी फर्जी पाया जाता है तो उस रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने के साथ-साथ कानूूनी कार्रवाई की जायेगी. पिछले दिनों केंद्र और राज्यों के जीएसटी अधिकारियों की राष्ट्रीय समन्वय बैठक में फर्जी रजिस्ट्रेशन और आइटीसी चोरी का मुद्दा उठा था.
क्या है मोडॅस आपरेंडी
जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होता है. आइटीसी चोरी के लिहाज से धोखेबाज गलत पेपर पर जीएसटी में खुद को रजिस्टर्ड कर लेते हैं.इसके लिये वे गरीब और अनपढ़ लोगों के पैन और आधार संख्या का उपयोग करते हैं. साथ ऑफिस का एकरारनामा भी फर्जी करवा लेते हैं. लेकिन अब अधिकारी जीएसटी नंबर देने से पहले कार्यालय का भौतिक सत्यापन करेंगे. किसी भी तरह की गलत सूचना पाये जाने में कार्रवाई की जायेगी.
सभी अंचलों को दिए गए निर्देश
वाणिज्य कर विभाग की आयुक्त डॉ.एस प्रतिमा ने बताया कि सीजीएसटी और एसजीएसटी के अधिकारी मिलकर फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेने वालों के खिलाफ अभियान चलायेंगे. इसके लिये विभाग में एक विशेष सेल का गठन किया गया है. वाणिज्य कर के सभी अंचलों को भी इस संबंध में जरूरी निर्देश दिये गये हैं.