36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बिहार में अब पुलिस की हर जरूरतें होंगी पूरी, थाने में बनेगा आत्मनिर्भर फंड

राज्य सरकार ने थानों को दुरुस्त रखने और इसकी व्यवस्था समुचित तरीके से बनाये रखने के लिए ‘आत्मनिर्भर फंड’ की व्यवस्था की है. इस मद में अब सभी थानों को अलग से राशि दी जायेगी, ताकि वे अपनी सभी जरूरतों को पूरा कर सकें.

कौशिक रंजन, पटना. राज्य सरकार ने थानों को दुरुस्त रखने और इसकी व्यवस्था समुचित तरीके से बनाये रखने के लिए ‘आत्मनिर्भर फंड’ की व्यवस्था की है. इस मद में अब सभी थानों को अलग से राशि दी जायेगी, ताकि वे अपनी सभी जरूरतों को पूरा कर सकें.

साफ-सफाई, खिड़की-दरवाजा मरम्मत, प्रिंटर कार्टिस की खरीद, फोटो कॉपी, बाइन्डिंग, बोर्ड लिखाई, वाटर प्यूरीफायर से लेकर गवाहों को न्यायालय तक लाने-ले जाने में होने वाला वाहन खर्च, शांति समिति की बैठक में खर्च, लावारिस लाश को उचित वाहन से सम्मानपूर्वक ले जाने का खर्च, छापेमारी में जरूरत पड़ने पर किराये में लेने के लिए वाहन, राष्ट्रीय पर्व का आयोजन समेत ऐसे सभी कार्यों में इसी फंड के माध्यम से राशि खर्च की जायेगी.

इस तरह के 31 खर्च निर्धारित किये गये हैं, जो इस फंड से खर्च किये जायेंगे. राज्य के सभी एक हजार 65 थानों को तीन श्रेणी में विभाजित करके इस फंड का आवंटन किया गया है. इन थानों का विभाजन क्षेत्र, संवेदनशीलता समेत अन्य मानकों को ध्यान में रखकर किया गया है.

श्रेणी-ए के थानों को प्रत्येक माह 25 हजार रुपये मिलेंगे

श्रेणी-ए के थानों के लिए प्रत्येक महीने 25 हजार रुपये दिये जायेंगे. श्रेणी-बी के लिए 15 और श्रेणी-सी के तहत 10 हजार रुपये प्रत्येक महीने दिये जायेंगे. थानों को ये रुपये संबंधित जिलों के एसपी के स्तर से जारी किये जायेंगे.

पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को इससे संबंधित विस्तृत पत्र जारी कर दिया है. राज्य के सभी थानों में करीब 400 थाने ए-श्रेणी, 450 थाने बी-श्रेणी और करीब 200 थाने सी-श्रेणी में विभाजित किये गये हैं.

छोटे खर्चों का समुचित तरीके से प्रबंध है उद्देश्य

इस व्यवस्था को थाना स्तर पर शुरू करने का मकसद सभी तरह के छोटे-छोटे खर्चों का समुचित तरीके से प्रबंध करना है. खर्चों के लिए पहले थानों को वॉउचर बनाकर जिलों को देना पड़ता था. वहां से पास होने के बाद ही इसके लिए राशि मिल पाती थी. इसमें काफी समय भी लगता था और कई बार फंड की कमी कह कर जिला स्तर से मना कर दिया जाता था.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें