पटना. राज्य के गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना के तहत टैब से घरों में शुद्ध जल पहुंचाया जा रहा है, ताकि लोग पानी से होने वाली बीमारियों से बचे.
वहीं, आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन के निष्कासन के लिए अलग - अलग ट्रीटमेंट प्लांट यूनिट लगाया गया है, जिसकी डिजाइन व ड्राइंग क्षेत्रीय आवश्यकताओं को देखते हुए बनाया गया है.
इससे आम लोगों को शुद्ध पानी और वेस्टेज पानी से खेतों को फायदा हो सके. ट्रीटमेंट यूनिट के वैकवाशिंग के माध्यम से बेकार पानी के निबटारे के लिए भी मानक तैयार किया गया है, ताकि योजना से शुद्ध एवं स्वच्छ पानी लोगों तक पहुंचे और बेकार पानी खेतों तक पहुंचाया जाये.
इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट के पास ही पानी स्टोर करने की व्यवस्था है., जहां से पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए काम किया गया है.
37 जिलों के 30497 वार्डों के गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र
फ्लोराइड : रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, मुंगेर, शेखपुरा, जमुई, बांका व भागलपुर. कुल 11 जिलों में 3814 वार्ड हैं.
आर्सेनिक : बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सीतामढ़ी, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया व कटिहार. कुल 14 जिलों के वार्ड है 5085 है.
आयरन : बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, दरभंगा, मुंगेर, भागलपुर. कुल 12 जिलों के 21598 वार्ड हैं.
Posted by Ashish Jha