10 वर्षों के दौरान बिहार में दर्ज हुए एक लाख से अधिक एससी-एसटी केस, 11 हजार से अधिक निकले फर्जी

सीआइडी कमजोर वर्ग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 से लेकर जून 2021 तक राज्य के विभिन्न थानों में एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में 11.28 फीसदी मामले ऐसे थे, जो पुलिस जांच के बाद ही बंद करने पड़े, जबकि 47.74 फीसदी मामलों में पुलिस ने चार्जशीट फाइल की.

By Prabhat Khabar | August 25, 2021 10:08 AM

अनिकेत त्रिवेदी, पटना. राज्य में बीते साढ़े दस वर्षों के दौरान एसटी-एसटी एक्ट के तहत 104430 मामले दर्ज किये गये हैं. सीआइडी कमजोर वर्ग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 से लेकर जून 2021 तक राज्य के विभिन्न थानों में एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में 11.28 फीसदी मामले ऐसे थे, जो पुलिस जांच के बाद ही बंद करने पड़े, जबकि 47.74 फीसदी मामलों में पुलिस ने चार्जशीट फाइल की. इसमें गिरफ्तारियां हुई. वहीं इसके अलावा हर वर्ष औसत रूप से चार फीसदी केस लंबित रह जाते हैं. जिनकी जांच अगले वर्ष बैकलॉग के रूप में की जाती है.

कई बार फंसाने के लिए भी लगा देते हैं आरोप

पुलिस मुख्यालय में कमजोर वर्ग के मामलों को लेकर समीक्षा करने वाले वरीय अधिकारी बताते हैं कि पुलिस जांच के बाद जिन केस को बंद कर दिया जाता है. उनमें कई तरह के मामले होते हैं. जैसे कई बार होता है कि जानबूझ कर फंसाने के लिए एससी एसटी एक्ट लगाया जाता है.

कई बार साक्ष्य के अभाव में केस को बंद कर दिया जाता है, जबकि कई बार जमीन विवाद अन्य मामलों को एसटी एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराने पर जांच के बाद बंद कर दिया जाता है. जहां तक राज्य में पुलिस जांच के बाद केस बंद करने का सवाल है तो बीते साढ़े दस वर्षों में 11785 केस बंद कर दिये गये.

अब तक 49865 केस में चार्जशीट

पुलिस ने साढ़े दस वर्षों के दौरान एससी एसटी एक्ट के तहत अब तक दर्ज मामलों में कुल 49865 केस में चार्जशीट फाइल किया गया है. इन मामलों में किसी ना किसी आरोपितों की गिरफ्तारी की हुई है, मामला अदालत में चल रहा है. कई मामलों में आरोपित को सजा भी हो चुकी है. वहीं, इस समयावधि के दौरान हर साल 400 की औसत से केस लंबित रहे. जो कुल मामले के लगभग चार फीसदी मामले थे.

गंभीर चोट के मामले अधिक

इस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में गंभीर चोट को लेकर अधिक केस दर्ज किये जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष जून में कुल 508 मामले दर्ज किये गये. इसमें 13 मामले हत्या, 31 मामले गंभीर चोट, सात मामले बलात्कार और विविध में 455 मामले दर्ज हुए. वहीं जून में ही 315 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट फाइल की. इस वर्ष जून के अंत तक 3765 मामले लंबित थे.

Posted by Ashish Jha

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