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8 Years Of Seva : बिहार में बिछाया पुलों का जाल, अकेले गंगा पर बने 14 सेतु, इन नदियों पर चल रहा निर्माण

Modi sarkar ke 8 saal: बिहार में पिछले आठ वर्षों में सड़क और पुलों का जाल बिछ गया है. बिहार के आधारभूत संरचनाओं के विकास में पिछले आठ वर्षों में न केवल केंद्र का निवेश बढ़ा है, बल्कि उसकी हिस्सेदारी भी बढ़ी है. अकेले गंगा नदी पर ही केंद्र की मदद से आधा दर्जन से अधिक पुलों का निर्माण चल रहा है.

पटना. बिहार में पिछले आठ वर्षों में सड़क और पुलों का जाल बिछ गया है. बिहार के आधारभूत संरचनाओं के विकास में पिछले आठ वर्षों में न केवल केंद्र का निवेश बढ़ा है, बल्कि उसकी हिस्सेदारी भी बढ़ी है. अकेले गंगा नदी पर ही केंद्र की मदद से आधा दर्जन से अधिक पुलों का निर्माण चल रहा है. कुछ पुलों का निर्माण तो पूरी तरह केंद्र के पैसों से हो रहा है. इन पुलों में कुछ तो बन गये और उसमें आवागमण भी चालू हो चुका है. बिहार की दूसरी बड़ी नदियों में से एक कोसी पर जहां महज एक पुल हुआ करता था, वहां अब तीन-तीन पुलों का निर्माण चल रहा है. इन नदियों पर पुल के बन जाने के कारण बिहार के किसी कोने से पटना पहुंचना अब बेहद आसान हो गया है. दरभंगा के सांसद तो प्रधानमंत्री को नव भारत के विश्वकर्मा की उपाधि दे चुके हैं.

2025-26 तक बन कर तैयार हो जायेंगे सारे पुल

अगले कुछ वर्षों में बिहार में गंगा नदी पर 14 पुल होंगे. इनमें पांच पुलों पर आवागमन चालू है. छह और पुल बनाये जा रहे हैं, जो 2025-26 तक बन कर तैयार हो जायेगा. जानकारों का कहना है कि गंगा नदी में नये पुल के निर्माण से महात्मा गांधी सेतु पर भार कम होगा. वैसे 7 जून को गांधी सेतु का पूर्वी लेन भी आवाजाही के लिए खोला जा रहा है. करीब 23 साल बाद गंगा सेतु पर नयी संरचना के साथ सभी चार लेन पर आवाजाही शुरू होगी. इधर, केंद्र सरकार द्वारा गंगा नदी पर तीन नये पुल बनाने संबंधी प्रस्ताव पारित है. हाल ही में विक्रमशिला सेतु के समानांतर नये पुल के निर्माण की घोषणा हुई है.

गंगा पर दूसरा सबसे बड़ा पुल भी बिहार में

गंगा नदी पर एशिया का सबसे बड़ा सड़क पुल महात्मा गांधी सेतु है. केंद्र सरकार द्वारा बिहार व झारखंड में गंगा नदी पर मनिहारी -साहेबगंज के बीच फोर लेन पुल के निर्माण का टेंडर जारी किया है. यह पुल देश का दूसरा सबसे बड़ा पुल होगा. इसकी लंबाई छह किलोमीटर है. गंगा नदी पर वर्तमान में पांच पुल पर आवागमन चालू है. पटना में महात्मा गांधी सेतु व विक्रमशिला सेतु केवल सड़क पुल है, जबकि मोकामा में राजेंद्र सेतु रेल सह सड़क पुल, मुंगेर में रेल सह सड़क पुल व दीघा-सोनपुर के बीच रेल सह सड़क पुल है.

दो नये पुल पर आवागमन चालू

मुंगेर व दीघा-सोनपुर के बीच रेल सह सड़क पुल पर रेल का परिचालन हो रहा है. इसके अलावा गंगा नदी पर दो नये पुल पर आवागमन चालू है. इसमें आरा बबुरा -डोरीगंज छपरा व दीघा- सोनपुर रेल सह सड़क पुल शामिल है. गंगा नदी में ताजपुर-बख्तियारपुर के बीच पुल का निर्माण तेजी से हो रहा है. कच्ची दरगाह-बिदुपुर व सुल्तानगंज-आगवानी घाट के बीच पुल का निर्माण काम शुरू है. मोकामा में गंगा नदी पर राजेंद्र सेतु समानांतर रेल सह सड़क पुल के निर्माण का प्रस्ताव है.

कोईलवर में नवनिर्मित 6 लेन सड़क पुल चालू

पटना में महात्मा गांधी सेतु के समानांतर अप स्ट्रीम में नये पुल बनाने का काम भी जारी है. गंगा नदी में बन रहे नये पुल व प्रस्तावित पुल पर लगभग 17 हजार करोड़ खर्च अनुमानित है. गंगा नदी में नये पुल के निर्माण से उत्तर व दक्षिण बिहार की लाइफ लाइन महात्मा गांधी सेतु पर भार कम होगा. मोदी सरकार ने सोन नदी पर 158 साल बाद नया पुल दिया है. कोईलवर में नवनिर्मित 6 लेन सड़क पुल का उद्घाटन इसी माह हुआ है. 1.5 किलोमीटर लंबे इस पुल में कुल 74 स्पेन हैं, जो पुल को पूरी तरह मजबूत रखेंगे.

कोसी नदी पर तीन पुल और सोन नदी पर एक

अगले तीन साल में कोसी नदी पर तीन पुल और सोन नदी पर एक पुल बनकर तैयार हो जायेगा. इसमें कोसी नदी पर मधुबनी जिले में भेजा और सुपौल जिले में बकौर पुल, फुलौत पुल और मानसी एवं सहरसा के बीच पुल शामिल है. वहीं सोन नदी पर रोहतास जिले के पंडुका में बनेगा. कोसी नदी पर इससे पहले कोसी महासेतु, गंडौल, बीपी मंडल सेतु, नवगछिया में विजयघाट पुल और कुरसेला का पुल शामिल है.

फुलौत पुल

भारतमाला परियोजना के तहत कोसी नदी पर देश का सबसे लंबा पुल भेजा-बकौर अगले साल करीब 1284 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हो जायेगा. 10.27 किमी लंबे इस दो लेन पुल में मधुबनी के भेजा छोर पर 1.1 किमी व सुपौल के बकौर छोर पर 2.1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जा रहा है. पीएम पैकेज के तहत कोसी नदी पर एनएच-106 पर फोरलेन फुलौत पुल बनेगा, इसके निर्माण एजेंसी का चयन कर काम शुरू हो चुका है. पुल से बिहपुर से वीरपुर जाने के लिए सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी.

चार नदियों पर बन रहा पुल

मानसी और सहरसा के बीच बेहतर संपर्क के लिए चार नदियां कोसी नदी, पुरानी कोसी, कात्यायनी नदी एवं बागमती नदी पर सड़क पुल बनाया जायेगा. करीब 514 करोड़ की पहले फेज की इस परियोजना से खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा व सुपौल जिले के लोगों को सीधा फायदा होगा. इसमें धनछर से बदला बांध तक बड़ी बाधा चार नदियों पर बड़े पुल के निर्माण को लेकर थी.

सोन पर पंडुका पुल

रोहतास जिले के नौहटा प्रखंड के गांव पडुका के निकट सोन नदी पर 1 अरब 96 करोड़ 12 लाख रुपए की लागत से पुल का निर्माण होगा. इसके लिए निर्माण एजेंसी का चयन किया जा चुका है. पुल निर्माण 2023 तक होने की संभावना है. इसके बनने से 120 किलोमीटर की दूरी 20 किलोमीटर में बदल जाएगी.

मोदी सरकार के दौरान बने पुल

  1. आरा बबुरा-डोरीगंज छपरा- 4. 50 किलोमीटर- 676 करोड़ खर्च

  2. बख्तियारपुर- ताजपुर फोर लेन सड़क पुल – गंगा- 5. 52 किलोमीटर- – 1602 करोड़

  3. कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन सड़क पुल-गंगा – 9. 75 किलोमीटर- 5000 करोड़

  4. सुल्तानगंज-अगुवानी फोर लेन सड़क पुल -गंगा- 3. 16 किलोमीटर

  5. मनिहारी-साहेबगंज फोर लेन सड़क पुल -गंगा- 6 किलोमीटर – 1906 करोड़

मोदी सरकार के दौरान प्रस्तावित पुल

  • महात्मा गांधी सेतु के समानांतर अप स्ट्रीम में 5. 5 किलोमीटर नया सड़क पुल. पुल के निर्माण पर लगभग 5000 करोड़ खर्च अनुमानित .

  • राजेंद्र सेतु के समानांतर डाउन स्ट्रीम में नया रेल सह सड़क पुल.

  • विक्रमशिला सेतु के समानांतर नये सड़क पुल

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