World Environment Day 2022: मंत्री नीरज बबलू ने कहा मनुष्य के लिए पर्यावरण को बचाना सबसे आवश्यक

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है मंत्री नीरज बबलू ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया वही मंत्री ने कहा मनुष्य के लिए सबसे अति आवश्यक है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2022 2:52 PM

पूरे विश्व में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इसी अवसर पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद द्वारा पटना में आज एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे बिहार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार बबलू जिन्होंने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. जिसके बाद उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया.

पर्यावरण को बचाना सबसे आवश्यक

मंत्री नीरज कुमार बबलू ने इस अवसर पर कहा की मनुष्य के लिए पर्यावरण को बचाना सबसे आवश्यक काम है. आज के भागदौड़ की ज़िंदगी में जिस रफ्तार से प्रदूषण फैल रहा है यह लोगों की ज़िंदगी के लिए काफी खतरनाक है. विकास के इस दौड़ में लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं की उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

पर्यावरण के संरक्षण के लिए क्या किया जाए 

नीरज कुमार बबलू ने कहा की पर्यावरण के बेहतरी के लिए लोगों को क्या करना चाहिए यही बताने और समझाने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा की इस कार्यशाला का उद्देश्य यही है की लोगों तक पर्यावरण संबंधी संदेश पहुंचाया जाया और उन्हें यह बताया जाए की पर्यावरण के संरक्षण के लिए क्या क्या किया जा सकता है. लोगों को पेड़ लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके साथ ही पर्यावरण में प्रदूषण कम करने के लिए और क्या किया जा सकता है यह भी लोगों को बताना चाहिए.

कब शुरू हुआ पर्यावरण दिवस 

विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन में की गई थी, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था. सभी ने एक धरती के सिद्धांत को मान्यता देते हुए हस्ताक्षर किए. इसके बाद से प्रति वर्ष 5 जून को सभी देशों में ‘विश्‍व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता है.

क्या है इस साल का थीम 

विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन हेतु संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा एक प्रति वर्ष एक थीम तय की जाती है. जिस पर विभिन्न सरकारों एवं संस्थाओं द्वारा चर्चा भी की जाती है. इस वर्ष का थीम “ONLY ONE EARTH” (केवल एक पृथ्वी) है. इस मुहिम का नारा है प्रकृति के साथ सद्भावना में रहना.

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