पटना. बिहार विधानसभा में पिछले दो दिनों से गोडसे से लेकर जिन्ना तक को गाली दी जा रही थी, लेकिन तीसरे दिन अचानक जमींदार निशाने पर आ गये. पहले माले सदस्य मेहबूब आलम ने भाजपा के सदस्यों का नाम गोडसे से जोड़ा तो बाद में भाजपा के सदस्य संजय सरावगी ने महबूब आलम पर पलटवार करते हुए उनका नाम जिन्ना से लेकर बांग्लादेश तक से जोड़ दिया. वैसे इन दोनों सदस्यों की बातें सदन की कार्यवाही से हटा दी गयी, लेकिन इन दोनों के बीच सदन में जमींदारों पर की गयी अशोभनीय टिप्पणी कार्यवाही से नहीं हटायी गयी.
जमींदारों पर की अशोभनीय टिप्पणी
बताया जाता है कि सदन में भाजपा विधायक संजय सरावगी के बयान पर सीपीआई-एमएल के विधायक सत्यदेव राम ने खूब हंगामा किया. सीपीआई-एमएल विधायक सत्यदेव राम ने भोजनावकाश के बाद भाजपा विधायक संजय सरावगी के सदन के अंदर की गयी गाली-गलौज पर आपत्ति दर्ज की. उन्होंने जमींदारों को अशोभनीय टिप्पणी करते हुए गाली-गलौज को जमींदारों की भाषा करार दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरीके की बात कही गयी है वह सबको कहने का अधिकार है. कहां गया महबूब आलम.. यह जमींदारों की भाषा है. यह भाषा सदन के अंदर नहीं चलेगी. सीपीआई-एमएल विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि संजय सरावगी सदन के अंदर माफी मांगें. हालांकि अध्यक्ष ने बात सुनने के बाद बैठने के लिए कह दिया.
संजय सरावगी ने क्या कहा था?
बुधवार को बजट सत्र के तीसरे दिन भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई तो भारी हंगामा हुआ. भाजपा के विधायक संजय सरावगी ने सदन में सवाल उठाया और कहा था कि कल माले विधायक महबूब आलम ने भाजपा के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद भी अध्यक्ष ने नहीं रोका. संजय सरावगी ने आपा खोते हुए कहा कि कहां गया मीरजाफर की औलाद महबूब आलम... उस पर कार्रवाई करिए. भाजपा विधायक यहीं नहीं रुके. संजय सरावगी ने आगे कहा कि महबूब आलम लेनिन की औलाद है, वह चाईना की औलाद है. वह बंगलादेशी की औलाद है.