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लोजपा के बागी सांसदों से मिले ललन सिंह, चिराग ने कहा- हर लड़ाई लड़ने को हूं तैयार

लोजपा की टूट के बीच बुधवार को दिल्ली में जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की मुलाकात पारस गुट के पांच सांसदों से हुई. सूत्रों के मुताबिक वैशाली की सांसद वीणा देवी के आवास पर ललन सिंह गये और वहां मौजूद सभी पांचों सांसदों से उनकी भेंट हुई.

पटना . लोजपा की टूट के बीच बुधवार को दिल्ली में जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की मुलाकात पारस गुट के पांच सांसदों से हुई. सूत्रों के मुताबिक वैशाली की सांसद वीणा देवी के आवास पर ललन सिंह गये और वहां मौजूद सभी पांचों सांसदों से उनकी भेंट हुई. इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक अटकलें लगायी जा रही हैं.

इन सभी के जदयू में शामिल होने के भी कयास लगाये जा रहे हैं. हालांकि, इन संभावनाओं को खारिज करते हुए खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर ने कहा कि ललन सिंह हमलोगों को बधाई देने आये थे.

मेरी बीमारी के दौरान चाचा ने रची साजिश: चिराग

चिराग पासवान ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर पार्टी में टूट के लिए चाचा पशुपति कुमार पारस को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर पूछे गये सवालों के जवाब में चिराग ने कहा कि जिन नेताओं की भूमिका मेरी पार्टी तोड़ने में रही, वे सब उन्हीं के दल के हैं.

चिराग ने कहा कि मैं बीमार था, तभी मेरी पीठ पीछे पूरा षडयंत्र रचा गया. चाचा से बात कर पार्टी और परिवार को बचाने का प्रयास किया. मेरी मां ने भी बात करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. मैंने दो दिन पहले भी उनके घर जाकर बात करने की कोशिश की. इसके बाद कल पार्टी की मीटिंग बुलाई और अनुशासन बनाये रखने के लिए कुछ लोगों को निलंबित किया.

उन्हों ने कहा कि अगर चाचा मुझसे बोलते कि उन्हें लोकसभा में नेता बनना है तो मैं उन्हें खुशी-खुशी बना देता. मैं चाहता हूं कि वह लोकसभा में पार्टी का पक्ष पापा की तरह मजबूती से रखें. लोकसभा में पार्टी का नेता कौन होगा, यह चुनने का निर्णय पार्टी अध्यक्ष के पास है, यह सांसद के पास नहीं है.

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा, जदयू और लोेजपा मिलकर चुनाव में उतरती तो लोकसभा चुनाव की तरह एकतरफा परिणाम आते. लेकिन, उस परिणाम के लिए मुझे नीतीश कुमार के सामने नत्मस्तक होना पड़ता. मैंने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट बिहार के हर जिले से सुझाव लेकर तैयार किया था. लेकिन उसे स्वीकारने से इन्कार कर दिया गया.

पार्टी सांसद अपने परिजनों को जिताने में लगे थे

चिराग ने कहा कि पारस समेत पांचों सांसदों को लेकर कहा कि वे संघर्ष के रास्ते पर चलने को तैयार नहीं थे और सुरक्षित राजनीति करना चाहते थे.कई सांसद अपने परिवार वालों को चुनाव जिताने में लगे थे. सांसद वीणा देवी अपनी बेटी और महबूब अली कैसर के बेटे को जीता रहे थे. उनके बेटे दूसरे गठबंधन से चुनाव में उतरे थे. जिस तरह से पूरे प्रदेश पार्टी के नेताओं की भूमिका होनी चाहिए थी, वैसी नहीं थी.

कानूनी समेत हर तरह की लड़ाई के लिए तैयार

चिराग ने कहा कि वे सारी बातों को बंद कमरे में सुलझाना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. अब हमें कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ सकती है, जिसके लिए हम तैयार हैं. मैंने अपनी तरफ से परिवार और पार्टी दोनों को बचाने की भरसक कोशिश की, लेकिन चाचा की संवादहीनता के चलते ऐसा नहीं हो पाया.

..तो संसदीय बोर्ड क्या होता है : पारस

पशुपति कुमार पारस ने कहा कि चिराग ने जो बातें कही हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं. जब लोकसभा अध्यक्ष ने हमें सदन में पार्टी का नेता घोषित कर दिया तो पार्लियामेंट्री बोर्ड क्या होता है? चिराग एक साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संसदीय दल के नेता व अन्य पदों पर काम कर रहे थे, जो पार्टी संविधान के अनुसार गलत था.

पार्टी में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम होता है. जबकि, चिराग पासवान एक साथ पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष, सदन में नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे. पार्टी की बैठक में चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है.

Posted by Ashish Jha

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