अब किडनी की पथरी निकालने में न चीरा लगेगा और न टांके, पटना के IGIMS में शुरू हुई नयी तकनीक से सर्जरी

आइजीआइएमएस अस्पताल के किडनी के पथरी का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. यहां के यूरोलॉजी विभाग में किडनी की पथरी निकालने के लिए अब ऑपरेशन करते समय न चीरा लगेगा और न ही टांका लगाया जायेगा, क्योंकि एक नयी तकनीक से सर्जरी की जायेगी.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 19, 2022 9:06 PM

पटना. शहर के आइजीआइएमएस अस्पताल के किडनी के पथरी का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. यहां के यूरोलॉजी विभाग में किडनी की पथरी निकालने के लिए अब ऑपरेशन करते समय न चीरा लगेगा और न ही टांका लगाया जायेगा, क्योंकि एक नयी तकनीक से सर्जरी की जायेगी.

रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी शुरू

विभाग में मरीजों की रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी शुरू हो गयी है. इसके तहत मरीज की किडनी में जमा पथरी का उपचार अब बिना चीरा व टांके के दूरबीन से होगा. गुरुवार को कोलकाता से आये डॉ गोपाल कृष्णा ने इस तकनीक की शुरुआत की और चार मरीजों का ऑपरेशन भी किया. साथ ही संस्थान की ओर से लाइव सर्जरी का आयोजन किया गया, जिसमें पटना सहित पूरे बिहार के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी गयी. इस तकनीक का उद्घाटन गुरुवार को किया गया.

यूरिन के रास्ते किडनी तक पहुंचेगी मशीन

यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश तिवारी व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रोहित उपाध्याय ने बताया कि संस्थान में रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी में किडनी से पथरी निकालने के लिए रेनोस्कोप को यूरिन के रास्ते से किडनी तक पहुंचाया जाता है और लेजर पथरी के टुकड़े-टुकड़े करके बाहर निकाल देता है.

15 एमएम तक की पथरी का ऑपरेशन संभव

सर्जरी के अगले दिन मरीज अपनी सामान्य दिनचर्या कर सकता है. वहीं एडिशनल प्रोफेसर डॉ खालिद महमूद ने बताया कि 15 एमएम तक पथरी को इस तकनीक से ऑपरेशन किया जा सकता है. डॉ खालिद ने कहा कि पूरे बिहार से करीब 40 से अधिक यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों को रेट्रोग्रेड इंट्रा रीनल सर्जरी तकनीक की ट्रेनिंग दी गयी. उन्होंने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों इसका रेट करीब एक लाख रुपये लगता है. जबकि यहां बहुत ही कम दाम में किया जा रहा है.

Next Article

Exit mobile version