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दवा कंपनियों की मनमानी से बढ़ी परेशानी ऑक्सीजन, दवाओं व ऑक्सीमीटर के बढ़ाये रेट

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए दवा व मेडिकल उपकरणों की कंपनियों ने ऑक्सीजन सिलिंडर की कीमत 100 से लेकर 150 रुपये तक बढ़ा दी है.

आनंद तिवारी,पटना. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए दवा व मेडिकल उपकरणों की कंपनियों ने ऑक्सीजन सिलिंडर की कीमत 100 से लेकर 150 रुपये तक बढ़ा दी है. इसके अलावा कोरोना से जुड़े प्रोडेक्ट -पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलिंडर, जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीमीटर, फेवी फ्लू टैबलेट, नेरोपेनम इंजेक्शन आदि के दाम भी बढ़ गये हैं.

वहीं, निजी अस्पतालों ने मरीजों के लिए ऑक्सीजन का रेट 150 से लेकर 250 रुपये प्रति घंटा तक बढ़ा दिया है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्राइवेट अस्पतालों ने एक हजार रुपये प्रति घंटे के हिसाब से ऑक्सीजन की कीमत वसूली थी.

अप्रैल से लेकर जून के बीच ऑक्सीजन के लिए अनाप-शनाप पैसे लिये गये थे.अब कोरोना पर ब्रेक है, फिर भी अधिक दाम लिये जा रहे हैं. इसके अलावा सिलिंडर में उपयोग होने वाला फ्लो मीटर व मास्क के रेट में भी इजाफा किया गया है.

ऑसीजन सिलिंडर का सिक्योरिटी चार्ज भी बढ़ाया

पटना जिले में करीब सात से अधिक ऑक्सीजन कंपनियों की सप्लाइ है. कुछ कंपनियों ने सिलिंडर का सिक्योरिटी चार्ज बढ़ा दिया है. एक अस्पताल संचालक का कहना है कि 10 सिलिंडर प्रतिदिन की खपत है और दो लाख रुपये सिक्योरिटी मांगी जा रही है. हालांकि, दूसरी कंपनी से जब बातचीत की, तो वह 65 हजार रुपये में मान गयी.

ऐसे बढ़े दाम

जंबो सिलिंडर : 450 से 650 रुपये प्रति घंटे तक और फुल सिलिंडर 16,000 से 17,000 रुपये- 10% की हुई है बढ़ोतरी (निजी अस्पताल में)

पोर्टेबल सिलिंडर 10 लीटर : 6500 से 9500, 12 से 15% तक बढ़ोतरी हुई है

हाइड्रोकोर्टीसोन इंजेक्शन : हाइ एंटीबायोटिक है, कोरोनो मरीजों को गले में इन्फेक्शन होने पर दिया जाता है. 41 रुपये का इन्जेक्शन अब 52 रुपये में बिक रहा है

क्लांडिमाइसिन 300 : कोरोना मरीजों को दी जाती है. 300 रुपये की स्ट्रिप अब 335 रुपये में बेची जा रही है.

नेरोपेनम इंजेक्शन : फेफड़ों के संक्रमण में सुबह-दोपहर-शाम तीन डोज इस इंजेक्शन के मरीज को दिये जाते हैं. इसकी कीमत में 10% की बढ़ोतरी कर दी गयी है

बढ़िया क्वालिटी का फ्लो मीटर व ऑक्सीमीटर : 800 रुपये के बजाय 850 रुपये से 900 रुपये में

औषधि विभाग के सहायक औषधि नियंत्रक विश्वजीत दास गुप्ता ने कहा कि नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग ऑथोरिटी (एनपीपीए) हर दो से तीन माह पर दाम की मॉनीटरिंग करती है.

नेरोपेनम इंजेक्शन से ऑक्सीजन सिलिंडर तक के दाम की फिर से एनपीपीए की ओर से मॉनीटरिंग शुरू कर दी गयी है. तय रेट के बावजूद अधिक पैसे लिये जा रहे हैं, तो जांच के बाद उसे कम किया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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