बिहार में अब ऑटो से घर-घर पहुंचने लगीं सब्जियां, सहकारिता विभाग और बिहार स्टेट ऑटो चालक संघ के बीच बनी सहमति

लॉकडाउन की घोषणा के बाद बुधवार से आम जनता को सब्जी खरीदने में होने वाली असुविधा से बचाने के लिए राज्य सरकार के सहकारिता विभाग और बिहार स्टेट ऑटो चालक संघ के बीच बनी सहमति के आधार पर पटना में ऑटो से घर घर सब्जी पहुंचाने का काम शुरू किया गया.

By Prabhat Khabar | May 6, 2021 10:47 AM

पटना . लॉकडाउन की घोषणा के बाद बुधवार से आम जनता को सब्जी खरीदने में होने वाली असुविधा से बचाने के लिए राज्य सरकार के सहकारिता विभाग और बिहार स्टेट ऑटो चालक संघ के बीच बनी सहमति के आधार पर पटना में ऑटो से घर घर सब्जी पहुंचाने का काम शुरू किया गया.

इस नयी व्यवस्था के अंतर्गत में सहकारिता विभाग अढ़ातियों के माध्यम से शहर के कई अलग अलग जगह पर सब्जी इकट्ठा करेगी और उसे ऑटो में रखकर घर घर ले जाकर बेचा जायेगा. ऑटो चालकों को इसके एवज में किराया दिया जायेगा जो सहकारिता बैंक में उनका अकाउंट खुलवाने के बाद उसमें स्थानांतरित किया जायेगा.

बुधवार को पहले दिन ही 10 ऑटो इस काम में शामिल हो गये और इनके माध्यम से राजाबाजार, बोरिंग रोड, श्रीकृष्णानगर और मीठापुर में सब्जी घर घर पहुंचायी गयी. सब्जी की आपूर्ति करने वाले अढ़ातियों को भी सब्जी की कीमत कॉपरेटिव बैंक मेंं उनका खाता खुलवाकर दी जायेगी.

बिहार स्टेट ऑटो चालक संघ के महासचिव राजकुमार झा ने कहा कि खाद्य तेल और अन्य रोजमर्रा की खाद्य सामग्रियों को भी जल्द ही इस माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंचाया जायेगा.

सब्जी के दाम 10 रुपये तक घटे

लॉकडाउन के बीच बुधवार को सब्‍जियों के भाव में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली. मंगलवार की तुलना में सब्‍जियों की कीमत दस रुपये प्रति‍ किलो कम रही. इसके कारण लोगों ने सामान्‍य दिनों के मुकाबले कुछ अधिक सब्‍जियां खरीदीं.

सब्‍जी विक्रेताओं ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से किसान कम कीमत पर सब्‍जियां बेचने को मजबूर हैं. इसके कारण थोक मंडी में सब्‍जियों के भाव में कमी आयी है. 25 से 30 रुपये प्र‍ति किलो बिकने वाला करैला 20 रुपये, नेनुआ 20 रुपये से 10-12 रुपये खुदरा बाजार में बिका.

वहीं परवल 30 रुपये से घटकर 20-25 रुपये, बोरा 30 रुपये से घटकर 20 रुपये के स्‍तर पर बिका. इसी तरह भिंडी 20 रुपये, बैगन 25 रुपये प्रति‍ किलो और कद्दू 10-15 रुपये प्रति पीस खुदरा बाजार में बिका.

Posted by Ashish Jha

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