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बिहार में बिल्डरों को 31 दिसंबर तक देना है हिसाब, सिर्फ पांच बिल्डरों पर 45 फीसदी शिकायतें

बिहार में पहले से सुस्त पड़े रियल इस्टेट कारोबार पर विवादों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. रेरा के अनुसार पूरे राज्य से आये बिल्डर व आम आदमी के बीच विवाद के 45 फीसदी से अधिक मामले सिर्फ पांच बिल्डरों या कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम हैं.

पटना. बिहार में पहले से सुस्त पड़े रियल इस्टेट कारोबार पर विवादों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. रेरा के अनुसार पूरे राज्य से आये बिल्डर व आम आदमी के बीच विवाद के 45 फीसदी से अधिक मामले सिर्फ पांच बिल्डरों या कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम हैं.

अब तक की रिपोर्ट के अनुसार अग्रणी होम्स के खिलाफ 27.56 फीसदी शिकायतें हैं,जो अन्य किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी या बिल्डर से अधिक हैं.

दूसरे नंबर पर भूतेश कंस्ट्रक्शन के खिलाफ 5.88 फीसदी, तीसरे नंबर पर उत्कर्ष इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ 5.88 फीसदी, चौथे नंबर पर नेश इंडिया के खिलाफ 4.32 फीसदी और पांचवें नंबर पर ब्रह्म इंजीनियर्स एंड डेवलपर्स के खिलाफ 2.13 फीसदी शिकायतें दर्ज हैं.

कुल मिला कर इन सभी बिल्डरों पर सौ से अधिक प्रोजेक्ट को लेकर शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं. विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रही है विवादों की सुनवाई: ऑफिस छोटा होने के कारण कई अधिकारी घर से ऑनलाइन काम कर रहे हैं.

अभी तक नियमित सुनवाई नहीं होने के कारण मामलों का निबटारा तेजी नहीं हो पा रहा है.इस कारण बिल्डर व आम आदमी के बीच विवाद बना हुआ है. इस कारण राज्य में नये निर्माण प्रोजेक्टों की रफ्तार सुस्त है.

अब तक मात्र 940 प्रोजेक्ट स्वीकृत

राज्य में नये निर्माण प्रोजेक्टों को लेकर स्थिति काफी धीमी है. पहले तो राज्य में नयी व बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियां नहीं आ रही हैं. बीते दो-तीन वर्षों में कोई भी बड़ी नयी कंस्ट्रक्शन कंपनी बिहार नहीं आयी है.

फिलहाल अब पूरे राज्य रेरा के माध्यम से मात्र 940 प्रोजेक्ट ही स्वीकृत हुए हैं. अाधिकारिक रूप से मात्र 14 प्रोजेक्ट्रों की स्क्रूटनी की जा रही है. 290 प्रोजेक्टों की स्वीकृति के लिए अभी प्रारंभिक जांच की जा रही है. 18 प्रोजेक्टों का दोबारा रजिस्ट्रेशन किया गया है. पांच प्रोजेक्ट अंडर प्रोसेस हैं.

बिल्डरों को 31 दिसंबर तक देना है हिसाब

राज्य के बिल्डरों को 31 दिसंबर तक अपने खर्च व प्रोजेक्ट पूरा करने का हिसाब देना है. इस वर्ष सितंबर तक हिसाब देने की तारीख निर्धारित की गयी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण बिल्डरों को तीन माह की छूट दी गयी है.

रेरा के अनुसार अभी अधिकतर प्रोजेक्टों का हिसाब नहीं मिला है. जनवरी के बाद से प्रति प्रोजेक्ट जुर्माना लगाने की तैयारी की जा रही है.

Posted by Ashish Jha

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