कोरोना पॉजिटिव हो चुके बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर, 20 दिन से रोजाना आ रहे 30 से 35 मरीज

शहर के आइजीआइएमएस, पटना एम्स और पीएमसीएच अस्पताल के मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में इस तरह के रोजाना मरीज पहुंच रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2022 6:42 PM

पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना की रफ्तार पर भले ब्रेक लग गया है, लेकिन तीसरी लहर भी बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रही है. इन लोगों को वायरस का भय सताने लगा है. हालात यह है कि कई मरीज तो घर में भी दो मास्क लगा रहे हैं. परिवार के सदस्यों के समझाने पर जब डर नहीं दूर हो रहा है तो वे मरीज को लेकर मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास आ रहे हैं. शहर के आइजीआइएमएस, पटना एम्स और पीएमसीएच अस्पताल के मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में इस तरह के रोजाना मरीज पहुंच रहे हैं.

20 दिन से रोजाना आ रहे 30 से 35 मरीज

पीएमसीएच सहित संबंधित दोनों मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में बीते 20 दिन से इस मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. तीनों अस्पताल में रोजाना 30 से 35 मरीज इलाज कराने आ रहे हैं. इनमें सबसे अधिक पीएमसीएच में प्रतिदिन करीब 15 मरीज इलाज कराने पहुंते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज कराने वाले बुजुर्ग, मानसिक रोगी शामिल हैं. खासबात तो यह है कि ये मरीज कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं. कुछ ने तो तीसरी डोज भी लगायी है. वायरस का कहर इस तरह है कि ये अकेले घर से नहीं किल रहे हैं.

अपनों से साझा करते रहे मन की बात

पीएमसीएच मानसिक रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ कुमार ने बताया कि बुजुर्गों को किसी परिस्थिति में डालना या घबराना नहीं है. अपने परिवार के साथ मन की बात साझा करते रहें और परिवार के साथ समय बिताएं. उन्होंने कहा कि तनाव वाले जो मरीज सामान्य हालत में हैं, लेकिन दवा ले रहे हैं, उनमें तकलीफ दोबारा उभर सकती है. कोई बुजुर्ग तनाव, अवसाद, अनिद्रा या खाना नहीं खा रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से मिले. समय से उन्हें दवाएं उपलब्ध कराएं और उनसे बात करते रहें.

इनपुट- आनंद तिवारी

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