H3N2 Virus : पटना में सर्दी-जुकाम, बुखार के मरीजों की होगी रैपिड जांच, सैंपल को RMRI भेजने के निर्देश

सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि जिले के सभी पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि लक्षण वाले मरीजों को पहले पेरासिटामोल टेबलेट दिया जाये. एंटीबायोटिक दवा पहले नहीं दी जाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2023 12:42 AM

पटना. एच3एन2 फ्लू वायरस से बचाव के लिए अस्पतालों ने सतर्कता बढ़ा दी है. सरकारी अस्पतालों के ओपीडी व वार्ड में डॉक्टर-कर्मचारियों को मास्क लगाने के लिए कहा गया है. हाथों को समय-समय पर धोने की भी सलाह दी जा रही है. इसी प्रकार मरीज व परिजनों को भी मास्क लगाने की अपील की जा रही है. साथ ही जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडलीय अस्पतालों को सर्दी-जुकाम व बुखार से पीड़ित मरीजों की रैपिड जांच कर आरटीपीसीआर जांच के लिए सेंपल को अगमकुआं आरएमआरआइ भेजने के निर्देश दिये गये हैं.

पहले एंटीबायोटिक न दें, सिर्फ पेरासिटामोल का प्रयोग करें

सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि जिले के सभी पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि लक्षण वाले मरीजों को पहले पेरासिटामोल टेबलेट दिया जाये. एंटीबायोटिक दवा पहले नहीं दी जाये. साथ ही मौके पर रैपिड जांच कर सैंपल को आरटीपीसीआर जांच के लिए लैब में भेजें. इसके अलावा डॉक्टर, कर्मचारी व मरीजों को सोशल डिस्टैंसिंग के पालन की भी अपील की जा रही है. उन्होंने बताया कि एच3एन2 फ्लू के मरीज अभी पीएचसी में नहीं आ रहे हैं. फिलहाल उन मरीजों पर नजर रखी जा रही है, जो सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश व भूख कम लगने जैसी शिकायत लेकर आ रहे हैं.

अभी घबराने जैसी कोई बात नहीं, खुद ठीक हो रहे मरीज

सिविल सर्जन ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के अलावा आरएमआरआइ में एच3एन2 जांच की सुविधा है. अब तक सिर्फ एक महिला में ही वायरस की पुष्टि हुई थी. वह भी ठीक हो गयी है. ऐसे में अभी घबराने जैसी कोई भी बात नहीं है. इस तरह का संक्रमण साल में दो से तीन बार फैलता है, जो खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है. हालांकि, सावधानी बरतने की जरूरत है.

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