Flood in Bihar: गंडक नदी का जलस्तर घटने से कटाव तेज, रात भर तटबंध की निगरानी कर रहे अभियंता, दहशत में लोग

Flood in Bihar: ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हर वर्ष बाढ़ पूर्व व बाढ़ के दौरान अधिकारी व जनप्रतिनिधि गांव में आते है और आश्वासन देकर जाते हैं कि अबकी बार उन लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसा दिया जायेगा. लेकिन, गांव से लौटते ही जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को भूल जाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2022 3:12 PM

बिहार के मुजफ्फरपुर में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है. मुजफ्फरपुर के तीन प्रखंड औराई, कटरा और मीनापुर में तबाही की हालात बन गयी है. बागमती और गंडक नदी उफान पर है. नेपाल में हो रही तेज बारिश के कारण इस नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अबतक दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोग बांध की ओर पलायन कर रहे है. वहीं, सड़कों पर पानी चढ़ जाने और बह जाने से कई गांवों का सपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. हालांकि गंडक नदी का जलस्तर अब घटने लगा है. लेकिन कटाव तेज हो गया है. कटाव होने के कारण तटबंध के पास बसे गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है.

गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि

पिछले दो दिनों से गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने व बारिश से प्रखंड क्षेत्र के दियारावर्ती लोगों में बेचैनी बढ़ गयी है. सेमरा लबेदा, मंझरिया व बलुआ ठोरी पंचायत के लोग जीवन को बचाने के जद्दोजहद शुरू कर दिए हैं. पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय प्रशासन की असंवेदनशील रवैये से नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हर वर्ष बाढ़ पूर्व व बाढ़ के दौरान अधिकारी व जनप्रतिनिधि गांव में आते है और आश्वासन देकर जाते हैं कि अबकी बार उन लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसा दिया जायेगा. लेकिन, गांव से लौटते ही जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को भूल जाते हैं.

गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव को लेकर परेशान रहे अभियंता

मधुबनी में गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव को लेकर रात भर अभियंता परेशान रहे. पिपरा पिपरासी तटबंध के शून्य किमी से लेकर 35 किमी तक अभियंता अपने-अपने क्षेत्र में बांध की सतत निगरानी मौसमी मजदूरों के साथ कर रहे हैं. कनीय अभियंता ब्रजेश कुमार ने बताया कि वाल्मीकिनगर गंडक बराज से शनिवार की शाम 6 बजे 2 लाख 67 हजार 200 क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ी गई थी. यह इस माह का सबसे अधिक जलस्तर में वृद्धि है.

गंडक नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कांटी टोला में कटाव तेज

यह पानी लगभग 12 घंटे के बाद दुलारी पॉइंट पर आने में लग जाता है. जिसकी निगरानी एवं चौकसी जारी है. फिलहाल जलस्तर में गिरावट हो रही है. रात दिन अभियंता रात्रि जागरण कर कटाव स्थलों की निगरानी में जुटे हुए हैं. दुलारी रिटायर लाइन बांध अति संवेदनशील बिंदु है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष यहां कटाव निरोधी कार्य करा कर स्थल को सुरक्षित कर लिया गया है. इसलिए कहीं दबाव या कटाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. ‌सभी स्थल सुरक्षित है. सतत निगरानी किया जा रहा है. विभिन्न स्थानों पर कैंप किए हुए हैं. गंडक नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कांटी टोला में कटाव तेज हो गया है.

Next Article

Exit mobile version