अनिकेत त्रिवेदी, पटना. पटना हाइकोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को नेपाली नगर के लोगों ने विजय उत्सव मनाया. पूरे इलाके के लोग जगह-जगह इकट्ठा होकर खुशी का इजहार कर रहे थे. लोगों के बीच चर्चा थी कि कैसे बीते वर्ष तीन-चार जुलाई को पुलिस को जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की टीम ने दल-बल के साथ सुबह साढ़े तीन बजे ही कार्रवाई शुरू कर दर्जनों मकानों को तोड़ दिया था, जबकि उस दौरान स्थानीय लोग सो रहे थे.
20 दिनों की सुनवाई के बाद आया फैसला
प्रशासन की कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 20 दिनों की सुनवाई में मजबूती से अपना पक्ष रखा और तर्क दिया कि आखिर दीघा की 1024 एकड़ जमीन के अधिग्रहण में आवास बोर्ड दो कानून कैसे लागू कर सकता है. चार जुलाई, 2022 से लेकर 17 नवंबर, 2022 के दौरान 20 दिनों की सुनवाई के दौरान नेपाली नगर मामले में याचिकाकर्ता के वकील शशि भूषण कुमार मंगलम ने कोर्ट में पांच मुख्य तर्क दिये, जिससे कारण पक्ष में आया फैसला.
नेपाली नगर याचिकाकर्ता के कोर्ट में पांच तर्क
तर्क एक-़ दीघा लैंड सेटलमेंट एक्ट-2010 में दीघा में 1024 एकड़ में से 600 एकड़ (राजीव नगर ) और 400 एकड़ (नेपाली नगर) के लिए दो कानून कैसे हो सकता है.
तर्क दो -जब राज्य सरकार ने खुद लैंड सेटलमेंट एक्ट में 400 एकड़ के निवासियों को अनअर्थराइज्ड ऑक्यूपेंट के रूप में परिभाषित किया गया है, तो अब राज्य सरकार उन्हें अतिक्रमणकारी नहीं कह सकती है.
तर्क तीन - जब दीघा लैंड सेटलमेंट एक्ट-2010, दीघा लैंड सेटलमेंट रूल्स-2014 और दीघा लैंड सेटलमेंट स्कीम-2014 में 400 एकड़ के निवासियों के लिए स्कीम बनाने का प्रावधान किया गया है, तो सरकार उससे विचलित होकर कोई अन्य कार्रवाई नहीं कर सकती है.
तर्क चार -तीन और चार जुलाई, 2022 को की गयी प्रशासनिक कार्रवाई गैरकानूनी, अवांछित और एक्ट के विरुद्ध है.
तर्क पांच - अंचलाधिकारी द्वारा 20 जून, 2022 को पारित आदेश के विरुद्ध जब अपील दायर करने की अवधि बची थी, तो प्रशासन और खासकर डीएम द्वारा कैसे असंवैधानिक, गैरकानूनी, अमानवीय और दमनात्मक कार्रवाई की गयी, जबकि अंचलाधिकारी के आदेश के विरुद्ध डीएम का कोर्ट अपीलीय न्यायालय है.
500 से अधिक जवान, सुबह साढ़े तीन बजे ही शुरू हो गयी थी कार्रवाई
तीन जुलाई, 2022 को जिला प्रशासन की टीम नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. सुबह साढ़े तीन बजे की कार्रवाई शुरू की गयी. प्रशासन की टीम के साथ छह से अधिक दमकल और एंबुलेंस भी मौके पर तैनात थे. 500 से अधिक जवानों के साथ कई थानों की पुलिस मौजूद थी. पहले दिन 26 लोगों को गिरफ्तार कर पांच वाहनों को जब्त किया गया था. उस दौरान अधिकारियों का कहना था कि लोगों को नोटिस दे दिया गया है. जमीन बिहार राज्य आवास बोर्ड की है और सभी अवैध कब्जा बनाकर रह रहे हैं. वहीं लोगों का कहना था कि हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है. हम यहां कई सालों से रह रहे हैं.
40 एकड़ जमीन में 95 घर तोड़ने का मामला
प्रशासन की कार्रवाई के दौरान नेपाली नगर के 40 एकड़ जमीन पर 95 मकान तोड़ गये. इनमें से अधिकतर मकानों में आंशिक संरचना थी, जबकि कई बड़े निर्माण थे. अभियान के दौरान पुलिस की कार्रवाई का लोगों ने विरोध किया था. पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच झड़प भी हुई थी. कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गये थे. इस पूरे मामले को लेकर राजीव नगर थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी थीं.