पटना के कोतवाली थाने के बोरिंग रोड में मोहिनी मोड़ के सिसोदिया कॉम्पलेक्स में स्थित ड्राय एंड फ्राय रेस्टोरेंट में अचानक ही मंगलवार को आग लगने के कारण अफरातफरी मच गयी. आग रेस्टोरेंट के कॉम्पलेक्स के बेसमेंट में स्थित किचन में लगी और उसके ऊपर बैठने और खाने के लिए बनायी गयी जगह तक पहुंच गयी. आग ने तुरंत ही भयावह रूप ले लिया, जिसके कारण सभी कर्मी किचन से बाहर की ओर भागे और अपनी जान बचायी. जबकि खाना खा रहे लोगों को पीछे के रास्ते से बाहर निकाला गया.
शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग
मामले की जानकारी मिलने पर कोतवाली के साथ ही बुद्धा कॉलोनी की पुलिस और आठ दमकल की गाड़ी पहुंची. इसके बाद एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. इस घटना में रेस्टोरेंट का अधिकांश सामान जल कर खाक हो गया. लोदीपुर फायर स्टेशन के पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि किचन में खाना बनाने के दौरान शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है.
रेस्टोरेंट संचालक, कर्मियों व गेल की टीम के बीच जमकर मारपीट
इधर, रेस्टोरेंट में आग लगने की सूचना मिलने पर गेल की टीम भी वहां प्रोटेक्शन के उद्देश्य से पहुंची. लेकिन गेल कंपनी की टीम, रेस्टोरेंट संचालक, कर्मी व अन्य दुकानदारों से बहस हो गयी और तुरंत ही मारपीट में बदल गयी. इलाका तुरंत ही रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. इसमें दोनों पक्षों के तीन-चार लोगों को चोटें आयी. इसके बाद कोतवाली थाने की पुलिस ने रेस्टोरेंट के संचालक रवि भूषण, कर्मचारियों के साथ ही गेल की टीम में शामिल कर्मियों को अपने साथ थाना ले आयी. इस पूरी घटना में गेल के इंजीनियर, कर्मी व एक रेस्टोरेंट संचालक को चोटें पहुंची है. कोतवाली थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि घटना के संबंध में जांच कर रही है.
रेस्टोरेंट में छह माह से बंद थी गैस की सप्लाई
घटना के बाद एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किया गया. रेस्टोरेंट संचालक रवि भूषण ने कहा कि आग लगने की वजह गेल की गलती है. इसके कारण ही रेस्टोरेंट में आग लगी. इसके बाद जब गेल के कर्मी पहुंचे तो उनसे आइकार्ड मांगा गया तो मारपीट की गयी. उनका सिर फोड़ दिया गया है. गेल के जीएम अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि आग लगने की घटना में गेल कहीं भी शामिल नहीं है. रेस्टोरेंट का कनेक्शन पिछले छह माह से बंद है. गेल का रेस्टोरेंट पर तीन लाख रुपया बकाया है. नोटिस भी दी जा चुकी है. आग लगने की सूचना पर किसी प्रकार की क्षति या नुकसान न हो, इसकी सुरक्षा को लेकर टीम गयी थी. इसी दौरान मारपीट की गयी. उन्होंने बताया कि फिलहाल किसी पर केस दर्ज नहीं कराया गया है. आपस में समझौता हो गया है. अगले ने अपनी गलती मान ली है.
पूरे कॉम्पलेक्स में नहीं थी आग से बचाव की फुलप्रुफ व्यवस्था
आग के कारण अन्य दुकानों में भी फैलने का खतरा मंडराने लगा था. लेकिन तब तक दमकल की गाड़ी पहुंच गयी. सिसोदिया कॉम्पलेक्स में कई दुकानें हैं. सभी दुकानदार अपनी दुकानों को बंद कर बाहर की ओर भागे और आग पर नियंत्रण के लिए प्रयास भी किया. खास बात यह है कि उस कॉम्पलेक्स में आग से बचाव के लिए कोई फुलप्रुफ व्यवस्था नहीं थी. केवल तीन अग्निशमन यंत्र ही थे. इससे आग पर काबू पाना संभव ही नहीं था. दीगर बात यह भी है कि फायरब्रिगेड की टीम को देर से सूचना मिली, जिसके कारण पूरा रेस्टोरेंट जल कर खाक हो गया.