बिहार के स्कूलों की अब बिजली काटने की धमकी नहीं दे पायेगी बिजली कंपनी, शिक्षा विभाग ने जारी की हिदायत

एकीकृत भुगतान के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के बीच सहमति हो चुकी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2022 6:02 PM

पटना. शिक्षा विभाग ने प्रदेश की बिजली कंपनियों को दो टूक हिदायत दी है किसी भी कीमत पर बिल न जमा हो पाने की दशा में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों की बिजली न काटी जाये. अगर बिजली काटी गयी तो इसके लिए कंपनी के प्रबंध निदेशक जिम्मेदार होंगे.

शिक्षा विभाग के आधिकारिक पत्र में साफ कर दिया है कि बिजली कंपनी न स्कूल से बिल भुगतान के लिए कहेगी और न प्रधानाध्यापक को बिजली काटने की धमकी देगी.

शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज के मुताबिक राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्युत बिलों के एकीकृत भुगतान के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के बीच सहमति हो चुकी है. इस मामले में आंतरिक वित्त सलाहकार ने भी सहमति दी है.

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के बिजली बिल के रूप में शिक्षा विभाग ने सात करोड़ ग्यारह लाख से अधिक राशि स्वीकृत करके जारी कर दी है. यह राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए है. जानकारी में बताया गया कि सितंबर 2021 तक नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का 2.93 करोड़ रुपये बकाया था.

इसी तरह साउथ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी का भी कुल 1. 98 करोड़ बकाया हैं. इसके बाद मार्च तक इन स्कूलों की बिजली का पांच करोड़ और बकाया हो गया. चूंकि बिजली बिल के मद में राशि न होने की वजह से बिल भुगतान के लिए यह राशि स्थापना मद में से जारी की गयी है.

इसलिए शिक्षा विभाग ने महालेखाकार को इस संबंध में अवगत करा दिया है. शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में यह भी पूछा है कि कितने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिजली कनेक्शन कंपनी ने दिया है या अभी तक कनेक्शन नहीं दिये हैं.

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