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नहीं सुनी गुहार, तो एसएसपी ऑफिस के पास पीड़ित ने खाया जहर

पटना : बिजनेस (बीसी) कमेटी के सदस्यों की मांग व अपने सौतेले भाइयों से पीड़ित होकर एक 35 वर्षीय युवक ने एसएसपी कार्यालय परिसर में जहर खाकर जान देने की कोशिश की. उल्टी करते देख आनन-फानन में उसे पीएमसीएच ले जाया गया, जहां मेडिकल आइसीयू के बेड नंबर एक पर इलाज चल रहा है.

पटना : बिजनेस (बीसी) कमेटी के सदस्यों की मांग व अपने सौतेले भाइयों से पीड़ित होकर एक 35 वर्षीय युवक ने एसएसपी कार्यालय परिसर में जहर खाकर जान देने की कोशिश की. उल्टी करते देख आनन-फानन में उसे पीएमसीएच ले जाया गया, जहां मेडिकल आइसीयू के बेड नंबर एक पर इलाज चल रहा है. युवक का नाम अजीत कुमार है, जो दीघा थाना क्षेत्र के निराला नगर का रहने वाला है. डॉक्टरों के अनुसार युवक की हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं, घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. घटना की जानकारी लगते ही संबंधित थाने के सिटी एसपी, डीएसपी, गांधी मैदान थाना प्रभारी रणजीत वत्स व दीघा थाना प्रभारी मनोज सिंह आदि कई पुलिसकर्मी युवक को देखने पहुंचे. पीड़ित की मानें, तो वर्दी ने जब उसकी गुहार नहीं सुनी, तो उसने जान देने की कोशिश कर ली.

फरियाद लेकर पहुंचा था युवक

फरियाद लेकर एसएसपी के जनता दरबार पहुंचा था युवक पीड़ित के मुताबिक उसके पिता मैनेजर राय ने दो शादियां की थीं. एक मां से आर्मी से रिटायर एक बेटा है. जबकि दूसरी मां से अजीत कुमार, रंजीत समेत छह बेटे हैं. पीड़ित के सौतेले व एक अपने भाई मिल कर रुपये लेनदेन के लिए बिजनेस कमेटी चलाते थे. इसके माध्यम से करीब 20 लोगों का एक समूह बना कर पैसे का लेन-देन किया जाता था. इस दौरान एक भाई पर 57 लाख व दूसरे पर 42 लाख मिला कर करीब एक करोड़ रुपये कमेटी के सदस्यों को देने के लिए बकाया हो गया. पीड़ित के मुताबिक रुपये लेन-देन के लिए कमेटी के सदस्य अजीत को प्रताड़ित कर रहे थे. खुद को कमेटी से दूर बताने व प्रताड़ित कर रहे लोगों से न्याय दिलाने को लेकर अजीत फरियाद लेकर दीघा थाना पहुंचा. लेकिन वहां मामला दर्ज नहीं होने पर एसएसपी कार्यालय के जनता दरबार गया. पीड़ित की मानें, तो वह पिछले 10 दिन से एसएसपी कार्यालय जा रहा था. लेकिन उसकी फरियाद नहीं सुनी गयी. अंत में परेशान होकर जहर खा लिया.

रुपये के लिए अपहरण का हो चुका है केस दर्ज

पुलिस के मुताबिक बकाया रुपया नहीं देने पर आक्रोशित कमेटी के सदस्य लगातार दबाव बनाने लगे. जिसको लेकर तीन महीने पहले रंजीत के अपहरण का मामला पिता मैनेजर राय की ओर से दीघा थाने में दर्ज कराया गया था. लेकिन मामला दर्ज होने के 15 दिन बाद खुद रंजीत थाने पहुंचे और पुलिस को असलियत बतायी. पीड़ित की मानें, तो इस दौरान सदस्यों ने उसके साथ मारपीट भी की. घटना के बाद भाई समेत सभी लोग घर से फरार हैं.

क्या कहते हैं थाना प्रभारी

दीघा थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अजीत के दोनों भाइयों ने कमेटी का रुपया अपने सदस्यों को नहीं दिया. इसको लेकर दूसरे सदस्य अजीत पर लगातार दबाव बना रहे थे. चूंकि रंजीत की दुकान पर अजीत उठता-बैठता था, ऐसे में सदस्यों को लगा कि उसने भी कमेटी का पैसा गबन कर लिया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. जिम्मेदार आरोपितों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.

posted by ashish jha

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