पटना, मगध व सारण प्रमंडल के 214 सीओ को कोर्ट ने बुलाया, सार्वजनिक जलाशयों का मांगा ब्योरा

पटना हाइकोर्ट ने सार्वजनिक जलाशयों पर अतिक्रमण के मामले में पटना, सारण और मगध प्रमंडल के 214 अंचलाधिकारियों को एक दिसंबर को उपस्थित होने को कहा है. कोर्ट ने सात साल पुराने एक मामले में अंचलाधिकारियों को यह निर्देश दिया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 29, 2022 7:07 AM

पटना/छपरा. पटना हाइकोर्ट ने सार्वजनिक जलाशयों पर अतिक्रमण के मामले में पटना, सारण और मगध प्रमंडल के 214 अंचलाधिकारियों को एक दिसंबर को उपस्थित होने को कहा है. कोर्ट ने सात साल पुराने एक मामले में अंचलाधिकारियों को यह बताने को कहा है कि जलाशयों पर से अतिक्रमण हटाने का जो निर्देश दिया गया था, उसका कितना अनुपालन हुआ.

मुख्य बातें

72960 सार्वजनिक जलस्रोत हैं

राज्य में 81 हजार 727 कुओं की हुई है पहचान

2015 में कोर्ट में दायर हुई थी याचिका

पूर्वाहन 10.30 बजे उपस्थित होने का निर्देश

रामपुनित चौधरी नामक एक व्यक्ति ने वर्ष 2015 में कोर्ट में याचिका (सीडब्ल्यू जेसी नंबर 9692/2015) दायर किया था, जिसमें कोर्ट नियमित सुनवाई कर रहा है. सभी अंचलाधिकारियों को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में पूर्वाहन 10.30 बजे उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.

किस प्रमंडल में कितने सीओ

सारण 54

पटना 98

मगध 62

एक को होगी सुनवाई ब्योरा मांगा गया

हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्राधिकार वाले अंचलों के सीओ को एक ब्योरा भेजा है. इसमें उनसे जलाशयों की संख्या, अतिक्रमण से मुक्त कराये गये जलाशयों की संख्या आदि के बारे में जानकारी मांगी है.

जल क्षेत्र की तस्वीर भी लाने को कहा

हाइकोर्ट ने 16 नवंबर, 2022 के अपने आदेश में सभी अंचलाधिकारियों को व्यक्तिगत शपथ पत्र देने का निर्देश दिया है कि कितनी जगह पर जल क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया. सभी सीओ को अपनी रिपोर्ट के अलावे जल क्षेत्र की तस्वीर भी लाने को कहा गया है.

सबसे ज्यादा समस्तीपुर व मुजफ्फरपुर में अतिक्रमण

मुजफ्फरपुर 96

समस्तीपुर 190

दरभंगा 19

मधुबनी 22

सीतामढ़ी 7

कोर्ट ने दिया है डीएम को मॉनीटरिंग का निर्देश

इसके पहले हाइकोर्ट ने 16 नवंबर को जलाशयों पर अतिक्रमण के मामले में सुनवाई की थी. मुंगेर, तिरहुत और दरभंगा प्रमंडल के सीओ ने शपथ पत्र सौंपा था. कोर्ट ने तीनों प्रमंडलों के सीओ को चार सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाने को कहा है. इसकी मॉनीटरिंग का जिम्मा जिलाधिकारी को दिया गया है. साथ ही आरक्षी अधीक्षक को पुलिस बल मुहैय्या कराने की जिम्मेवारी दी गयी है.

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