ओमिक्रॉन संक्रमितों में आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ एनआर विश्वास, प्रिंसिपल डॉ रंजीत गुहा के अलावा स्वास्थ्य विभाग के एक सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं. कोरोना अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहे प्रभात खबर...
विभाग ने वैक्सीनेशन को लेकर चार्ट तैयार किया है. इसमे शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग 23 टीकाकरण केंद्र पर जाकर वैक्सीन का डोज ले सकते है. सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने कहा है कि जिन लोगों ने अब तक वैक्सीन नहीं लिया है वो सेंटर पर जाकर इसे अवश्य लें.
भागलपुर जिले में पिछले एक सप्ताह से कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 100 से कम नहीं हो रहा है. हालांकि यहां संक्रमित होने का प्रतिशत कभी घट रहा है तो कभी बढ़ रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को जिले में एक बार फिर 132 लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो गये. साथ ही 126 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक भी हुए. मंगलवार को मिले मामले में आदमपुर निवासी एक बेहोशी के डॉक्टर, पंचायती विभाग मुंगेर में कार्यरत एक महिला कर्मचारी, मायागंज अस्पताल की नर्स व भागलपुर के एक वरीय पुलिस अधिकारी समेत शहरी क्षेत्र में रहने वाले 54 लोग संक्रमित हो गये.
पटना. श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में मंगलवार को 102 कोविड मरीजों की जांच हुई. एंटिजन किट से 89 सैंपलों की हुई जांच में आठ की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. जबकि 81 की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. वहीं 13 लोगों के सैंपलों को संग्रह कर आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा गया है.
पटना. एनएमसीएच में मंगलवार को हुए कोविड मरीजों की जांच में 97 लोगों के सैंपलों की जांच की गयी जिसमें 35 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. प्राचार्य डॉ हीरा लाल महतो ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मियों की जांच हुई जिसमें एक डॉक्टर व 4 पारा मेडिकल कर्मी संक्रमित मिले हैं.
कोरोना की तीसरी लहर अब तक स्वस्थ बच्चों के लिए घातक नहीं रही है. आंकड़ों के अनुसार एक माह के अंदर जीरो से 18 साल तक के करीब 3250 नाबालिग पॉजिटिव हुए हैं. लेकिन अस्पतालों में सिर्फ 27 बच्चों को ही भर्ती करना पड़ा. इनमें अधिकतर पहले से इलाजरत बच्चे हैं, जो अस्पतालों में संक्रमित हुए और बाद में कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया. भर्ती बच्चों में भी वायरस का संक्रमण तेज नहीं है. सभी खतरे से बाहर हैं.
पटना में कोरोना संक्रमण के बाद ज्यादातर मरीज अपने घरों पर ही होम आइसाेलेशन में रह रहे हैं. ऐसे लोगों को जिला प्रशासन की ओर से गठित होम आइसोलेशन सेल और होम आइसोलेशन ट्रैकिंग एप या हिट एप की ओर से कॉल कर उनका हाल चाल पूछा जा रहा है. होम आइसोलेशन या हिट एप से जब उन्हें कॉल किया जाता है तो ज्यादातर लोग यही कह रहे हैं कि उन्हें दवा मुहैया करवा दी जाये. होम आइसोलेशन में रहले वाले संक्रमित फोन पर ज्यादातर कह रहे, हमें दवाएं दिला दें.
ओमिक्रॉन संक्रमितों में आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ एनआर विश्वास, प्रिंसिपल डॉ रंजीत गुहा के अलावा स्वास्थ्य विभाग के एक सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि निदेशक, प्रिंसिपल सहित 90 प्रतिशत ओमिक्रॉन संक्रमित स्वस्थ होकर अपने-अपने काम पर लौट गये हैं. एक से लेकर आठ जनवरी के बीच संबंधित 40 कोरोना पॉजिटिव लोगों के सैंपल आइजीआइएमएस में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गये थे. इनमें 16 साल से लेकर अधिकतम 70 साल तक के बुजुर्ग के सैंपल शामिल हैं.
आइजीआइएमएस की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार ओमिक्रॉन के 40 मरीजों में सबसे अधिक 22 पटना जिले के हैं. इनमें सात डॉक्टर हैं, जिनमें आइजीआइएमएस के पांच और भागलपुर व एक कैमूर के एक-एक डॉक्टर हैं. वहीं बाकी मरीजों में मुजफ्फरपुर के पांच, गया के तीन, जमुई, मुंगेर व खगड़िया के दो-दो और सीतामढ़ी, कैमूर, भागलपुर व समस्तीपुर के एक-एक संक्रमित हैं.
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